आज का पंचांग 29 दिसंबर 2025: पौष शुक्ल नवमी, पंचक और गण्डमूल का प्रभाव, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त

धर्म डेस्क

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सोमवार को चंद्रमा का मेष राशि में प्रवेश, राहुकाल सुबह, पूजा-पाठ से मिल सकती है मानसिक शांति

आज 29 दिसंबर 2025, सोमवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। हिंदू पंचांग के अनुसार आज का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। चंद्रमा का गोचर सुबह मीन राशि से मेष राशि में होगा, जबकि दिन के पहले हिस्से में पंचक और गण्डमूल का प्रभाव बना रहेगा। ऐसे में आज कोई भी शुभ कार्य करते समय मुहूर्त और अशुभ काल का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है।

क्या है आज की तिथि और नक्षत्र?
पंचांग के अनुसार नवमी तिथि आज प्रातः 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि का आरंभ होगा। रेवती नक्षत्र सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक प्रभावी रहेगा, जिसके पश्चात अश्विनी नक्षत्र लगेगा। योग की बात करें तो परिधि योग सुबह 8 बजे तक रहेगा और इसके बाद शिव योग प्रारंभ होगा, जिसे सामान्यतः शुभ माना जाता है।

कब और कहां रहेगा चंद्रमा का प्रभाव?
चंद्रमा आज सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक मीन राशि में रहेगा और इसके बाद मेष राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्रमा का मेष राशि में गोचर ऊर्जा और सक्रियता को बढ़ाता है, लेकिन पंचक और गण्डमूल के कारण दिन के शुरुआती समय में सावधानी बरतना आवश्यक है।

शुभ मुहूर्त कब हैं?
आज ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से 2 बजकर 48 मिनट तक निर्धारित है। इसके अलावा गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 58 मिनट तक और निशीथ काल रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इन समयों में पूजा-पाठ, जप और साधना करना शुभ माना जाता है।

कौन से समय में रहें सावधान?
आज राहुकाल सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक रहेगा। इसके अलावा गुलिक काल दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक और यमगंड सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। पंचांग के अनुसार इन समयों में नए कार्य, यात्रा या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
आज सूर्योदय सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा। सूर्य उत्तरायण और शिशिर ऋतु का प्रभाव बना हुआ है।

आज का विशेष उपाय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज शिव चालीसा का पाठ करना लाभकारी रहेगा। इससे मानसिक शांति मिलती है और पंचक व गण्डमूल के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलती है।

दिन के उत्तरार्ध में पंचक का प्रभाव समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद नियमित कार्यों में अपेक्षाकृत सहजता रहेगी। हालांकि, धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का पालन करना आज भी आवश्यक माना जा रहा है।

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