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किन चीजों से बिगड़ते हैं दांपत्य संबंध और घर की आर्थिक स्थिति
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विशेषज्ञों की राय—रात के समय बेडरूम में रखी कुछ वस्तुएं परिवार की ऊर्जा और स्थिरता पर डालती हैं सीधा असर
वास्तु शास्त्र में बेडरूम को घर का सबसे संवेदनशील हिस्सा माना गया है। यही वह स्थान है जहां व्यक्ति मानसिक और शारीरिक संतुलन पाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कमरे में रखी कुछ गलत वस्तुएं वातावरण को इतना प्रभावित करती हैं कि तनाव, अनबन और आर्थिक बाधाएं बढ़ सकती हैं। वास्तु मानकों में यह बताया गया है कि शयनकक्ष में क्या नहीं होना चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।
पुराने कपड़े—ऊर्जा अवरोध और आर्थिक रुकावट का कारण
अक्सर लोग फटे या अप्रयुक्त कपड़ों को बदलने का समय टालते रहते हैं। वास्तु के अनुसार, ऐसे कपड़े कमरे में नकारात्मक कंपन उत्पन्न करते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि बेडरूम उन वस्तुओं से मुक्त होना चाहिए जो उपयोग में नहीं आतीं या अव्यवस्था पैदा करती हैं, क्योंकि यह अनजाने में आर्थिक अवसरों पर प्रभाव डाल सकती हैं। व्यवस्थित और स्वच्छ स्थान सौभाग्य और मानसिक स्पष्टता दोनों में मदद करता है।
जूते-चप्पल—तनाव और वैवाहिक असंतुलन का सूक्ष्म कारक
घरों में यह आम दृश्य है कि लोग जूते पहनकर सीधे कमरे तक पहुंच जाते हैं। हालांकि वास्तु सिद्धांत इसे गंभीर गलती मानते हैं।
जूते बाहरी वातावरण की धूल और अशुद्धियां लेकर आते हैं, जिससे कमरे का सकारात्मक वातावरण कमजोर पड़ता है।
बेडरूम में जूतों की उपस्थिति पति-पत्नी के बीच अनावश्यक तकरार बढ़ा सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रवेश से पहले footwear को बाहर ही एक निश्चित स्थान पर उतारने की आदत डालनी चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण—रिश्तों और नींद दोनों के लिए हानिकारक
बेड के आसपास मोबाइल charger, लैपटॉप और स्क्रीन जैसे उपकरणों को रखना आज आदत बन चुका है, लेकिन यह वास्तु की दृष्टि से नुकसानदायक है।
ये उपकरण निरंतर तरंगें छोड़ते हैं, जो नींद को हल्का करती हैं और मानसिक अशांति बढ़ाती हैं।
जब नींद की गुणवत्ता कमजोर होती है, तो इसका असर निर्णय क्षमता, कार्यक्षमता और परिवार के साथ समय बिताने के व्यवहार पर साफ दिखने लगता है।
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि रात को सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करके कमरे से दूर रखना बेहतर है।
धार्मिक मूर्तियां—बेडरूम के लिए उपयुक्त नहीं
शयनकक्ष में धार्मिक प्रतीक या मूर्ति रखना कई लोग शुभ मानते हैं, लेकिन वास्तु इसे गलत बताते हैं।
बेडरूम का उद्देश्य विश्राम और दांपत्य जीवन की निजता है। ऐसे में पूजा से जुड़े प्रतीक कमरे की ऊर्जा को असंतुलित कर सकते हैं।
पूजा का स्थान हमेशा घर के मुख्य पूजा कक्ष में ही होना चाहिए ताकि शांत और आध्यात्मिक वातावरण बना रहे।
आईना—गलत दिशा में लगा तो बढ़ेगी बेचैनी
बेडरूम में लगाए गए आईने का स्थान बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।
यदि आईना सीधे बिस्तर की ओर हो, तो उसका प्रतिबिंब सोते हुए व्यक्ति पर प्रभाव डालता है।
वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे ऊर्जा का दोहराव होता है, जो मानसिक बेचैनी और वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ा सकता है।
अगर आईना हटाना संभव न हो तो रात में उसे ढंकने की सलाह दी जाती है।
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