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सत्यकथा: सुपारी वाला प्यार” – स्कूल संचालक अजीत कुमार की हत्या की कहानी
Satyakatha
पटना का यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि जब रिश्तों में विश्वास की जगह स्वार्थ और लालच ले लेता है, तो घर, परिवार और जीवन—सब बिखर जाते हैं।
अजीत कुमार (50), खगौल थाना क्षेत्र के मुस्तफापुर के रहने वाले, एक जाने-माने स्कूल के संचालक थे। उनका नाम अब उनके स्कूल की दीवारों पर लिखा है, जहां बच्चे रोज आते हैं, लेकिन संचालक कक्ष में उनकी कुर्सी हमेशा खाली रहती है।
घटना का समय और स्थल
6 जुलाई की शाम, सगुना खगौल रोड पर ट्रैफिक सामान्य था। अजीत कुमार धीरे-धीरे अपने घर की ओर स्कूटी से लौट रहे थे। तभी अचानक—धायं!—एक गोली चली।
स्कूटी डगमगाई और लगभग 10 फीट दूर जाकर गिर गई। लोग अजीत कुमार को जमीन पर तड़पते हुए देखने लगे। कुछ ही देर में वह हमेशा के लिए शांत हो गए। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। अगले दिन यह घटना शहर के हर अखबार की हेडलाइन बन गई:
“पटना के नामी स्कूल संचालक की सरेआम गोली मारकर हत्या”
साजिश का खुलासा
शुरुआत में पुलिस के सामने सवाल था—कौन था अजीत का दुश्मन? कौन चाहता था कि उनकी दुनिया खत्म हो जाए? जांच के बाद जवाब चौंकाने वाला था—हत्या की साजिश में शामिल थी उनकी अपनी पत्नी रीता (43)।
रीता पहले शादीशुदा थी और उसका एक बेटा था। 15 साल पहले उसकी मुलाकात अजीत से हुई। अजीत आर्थिक रूप से मजबूत और समझदार थे, जबकि रीता को सुरक्षा और सुविधा की तलाश थी। कुछ मुलाकातों के बाद दोनों ने विवाह किया, लेकिन समाज और अजीत के परिवार ने इसे कभी पूरी तरह स्वीकार नहीं किया।
रिश्तों में दरार और लालच
समय के साथ अजीत के पास स्कूल की संपत्ति, ज़मीन और बचत बढ़ी। रीता को हमेशा डर था कि अगर अजीत के साथ कुछ हुआ, तो संपत्ति उनके बच्चों या भाइयों में बंट जाएगी। अजीत ने संपत्ति को केवल रीता के नाम करने से इनकार किया।
इस असुरक्षा और लालच ने रीता के मन में आग जलाई। उसने महीनों पहले अपनी ही पति की हत्या की साजिश रची।
हत्या की योजना
रीता ने ड्राइवर को अपने प्रभाव में ले लिया और उसे साजिश में शामिल किया। ड्राइवर को एक स्थानीय शूटर से मिलवाया गया। अजीत की हत्या के लिए कुल 10 लाख रुपये का भुगतान तय हुआ, जिसमें 3 लाख एडवांस में दिए गए।
हत्या का दिन
6 जुलाई की रात, अजीत स्कूल से लौट रहे थे। सगुना-खगौल रोड पर दो बाइक सवार पीछे से आए। एक ने अजीत को देखा, दूसरा पिस्तौल से गोली चला दी। अजीत वहीं ढेर हो गए।
जांच और गिरफ्तारी
हत्या के बाद रीता ने पहले पुलिस को फोन कर खुद को पीड़ित पत्नी बताया। लेकिन अजीत के परिवार के शक और सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल डिटेल्स ने सच उजागर किया।
ड्राइवर ने कबूल किया कि रीता ने अजीत की हत्या का आदेश दिया था। रीता और ड्राइवर दोनों को गिरफ्तार किया गया। शूटर और दो अन्य सहयोगी अब भी फरार हैं।
मृतक परिवार की प्रतिक्रिया
अजीत के भाई ने कहा, “वह कलयुग में राम की तरह थे। भैया सबके लिए अच्छा सोचते थे, लेकिन जिस पर सबसे ज़्यादा भरोसा किया, वही उनकी मौत की वजह बनी।”
संपत्ति और स्वार्थ का खेल
जानकार बताते हैं कि रीता ने संपत्ति के लालच में अजीत से संबंध बनाए और उसे शादी के लिए मजबूर किया। अब हत्या के पीछे का मुख्य कारण भी यही लालच और स्वार्थ सामने आया है।
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