शतरंज की दुनिया में एक बार फिर मैग्नस कार्लसन का दबदबा देखने को मिला। वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन ने वर्ल्ड ब्लिट्ज चैंपियनशिप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। यह उनका रिकॉर्ड नौवां वर्ल्ड ब्लिट्ज खिताब है। कतर की राजधानी दोहा में आयोजित इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इस उपलब्धि के साथ वे विश्वनाथन आनंद के बाद यह कारनामा करने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं।
फाइनल मुकाबले में मैग्नस कार्लसन ने उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव को 2.5–1.5 से हराया। खिताबी भिड़ंत में कुल चार गेम खेले गए, जिनमें पहले तीन गेम के बाद स्कोर 1.5–1.5 से बराबर था। चौथे और निर्णायक गेम में कार्लसन ने ड्रॉ की पेशकश को ठुकराते हुए आक्रामक खेल दिखाया और जीत दर्ज कर ट्रॉफी अपने नाम की।
इससे पहले कार्लसन ने सेमीफाइनल में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारुआना को 3–1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। उल्लेखनीय है कि कार्लसन ने पिछले सप्ताह ही वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप का खिताब भी जीता था। दोहा में रैपिड और ब्लिट्ज दोनों खिताब जीतकर उन्होंने अपनी निरंतर श्रेष्ठता को एक बार फिर साबित किया।
खिताब जीतने के बाद कार्लसन ने कहा कि टूर्नामेंट उनके लिए आसान नहीं था। शुरुआती राउंड में परिस्थितियां उनके पक्ष में नहीं थीं, लेकिन नॉकआउट चरण में उन्होंने खेल का भरपूर आनंद लिया और सही समय पर सही फैसले लेने में सफलता मिली।
भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी का प्रदर्शन भी इस टूर्नामेंट की बड़ी उपलब्धियों में शामिल रहा। 22 वर्षीय एरिगैसी ने स्विस लीग के 19 राउंड में 15 अंक हासिल कर शीर्ष स्थान साझा किया। हालांकि सेमीफाइनल में उन्हें अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ 0.5–2.5 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होंने भारतीय शतरंज को नई ऊंचाई दी। इससे पहले वे वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं।
टूर्नामेंट के दौरान एक विवाद भी सामने आया, जब स्विस राउंड के एक मुकाबले में समय की कमी के दौरान मोहरे गिराने के कारण कार्लसन को नियम उल्लंघन पर हार मिली। उन्होंने अर्बिटर्स के फैसले को स्वीकार करते हुए खेल भावना का परिचय दिया।
महिला वर्ग में कजाकिस्तान की बिबिसारा अस्सौबायेवा ने वर्ल्ड ब्लिट्ज चैंपियनशिप का खिताब जीता। उन्होंने फाइनल में यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक को 2.5–1.5 से हराया। यह अस्सौबायेवा का तीसरा वर्ल्ड ब्लिट्ज खिताब है और इस जीत के साथ उन्होंने 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर लिया।
दोहा में आयोजित यह टूर्नामेंट न केवल खेल की गुणवत्ता के लिए, बल्कि भारत समेत कई देशों के लिए यादगार उपलब्धियों के कारण भी चर्चा में रहा।
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