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दुर्ग में बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार: फर्जी नाम-आधार से दो साल से रह रही थी किराए पर, मकान मालिक भी जेल भेजा गया
durg, CG

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक बड़ी कार्रवाई के तहत SIT (स्पेशल टास्क फोर्स) ने बुधवार को एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है, जो बीते दो वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में अवैध रूप से रह रही थी।
महिला की पहचान असल में पन्ना बीबी के रूप में हुई है, लेकिन वह अंजली सिंह उर्फ काकोली घोष के नाम से यहां रह रही थी। इस मामले में बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किराया देने वाले मकान मालिक सूरज साव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
फर्जी आधार कार्ड से अस्पताल में इलाज ने खोला राज
पुलिस को महिला पर तब शक हुआ जब उसने शासकीय अस्पताल में इलाज के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। जांच के बाद पता चला कि महिला ने फर्जी आधार कार्ड बनवा रखा है और भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र में किराए पर रह रही है।
IIMMO एप से संपर्क, पैसों की हेराफेरी का भी खुलासा
पूछताछ में सामने आया कि पन्ना बीबी घरेलू कामकाज कर कमाई करती थी और IIMMO नामक एप के जरिए अपने बांग्लादेशी परिजनों से संपर्क करती थी। इस एप की खासियत यह है कि इसमें कॉलर का नंबर डिस्प्ले नहीं होता। वह कमाई का पैसा कोलकाता में रहने वाले एक परिचित को भेजती थी, जो आगे उसके परिवार तक राशि पहुंचाता था।
8 साल पहले फर्जी पासपोर्ट से भारत में दाखिल
पन्ना बीबी ने स्वीकार किया कि वह करीब आठ साल पहले फर्जी पासपोर्ट और वीजा के जरिए बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुई थी। उसने पश्चिम बंगाल के बनगांव-पेट्रापोल बॉर्डर को अवैध रूप से पार कर भारत में प्रवेश किया। शुरुआत में वह कोलकाता के सोनागाछी इलाके में पांच साल रही, फिर दिल्ली और उसके बाद भिलाई पहुंची।
भिलाई में बिना वेरिफिकेशन रह रही थी किराए पर
महिला बीते दो सालों से भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र में सूरज साव के मकान में रह रही थी। मकान मालिक ने किराया देने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाया, जिससे उस पर भी कानूनी कार्रवाई की गई है।
इन कानूनों के तहत कार्रवाई
पुलिस ने पन्ना बीबी पर भारतीय न्याय संहिता 2023, विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1946, और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत मामला दर्ज किया है।
फर्जी दस्तावेज और नेटवर्क की होगी जांच
एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि यह पता लगाया जाएगा कि महिला का फर्जी आधार कार्ड किसने बनवाया और भारत में दाखिल कराने में किन लोगों की भूमिका रही। इसके लिए संबंधित एजेंसियों को पत्र लिखकर विस्तृत जांच की जाएगी।