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छत्तीसगढ़ स्कूलों में टीचर्स को मिली नई जिम्मेदारी: सांप-बिच्छू भी भगाना होगा
CG
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की सुरक्षा और गरिमा पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों के प्राचार्य और हेडमास्टर अब सिर्फ बच्चों की पढ़ाई और स्कूल संचालन की जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, बल्कि उन्हें सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जीव-जंतुओं को स्कूल परिसर में आने से रोकना भी होगा।
लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्राचार्यों को यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जारी किया है। इससे पहले टीचर्स को केवल आवारा कुत्तों और मवेशियों की निगरानी का काम सौंपा गया था।
शिक्षकों की चिंता
स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर्स इस नए आदेश से नाराज हैं। टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा,
"कुत्तों की जिम्मेदारी के बाद अब सांप-बिच्छू से भी शिक्षक को बचाना कहा जा रहा है। हमारी सुरक्षा और गरिमा का ख्याल सरकार को रखना चाहिए।"
उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा, जर्जर स्कूल भवन और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बीच यह नया काम उनके लिए जोखिमपूर्ण और असंगत है।
DPI और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे का कहना है कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के लिए अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी प्राचार्य और प्रधान पाठक इसे पालन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने और उन्हें शेल्टर होम में रखने के आदेश दिए थे। DPI का नया आदेश इसी दिशा में शिक्षकों की भूमिका सुनिश्चित करता है।
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