- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- मध्यप्रदेश के 18 आयुर्वेद कॉलेजों को मिली मान्यता, BAMS की 3000 सीटों पर खुलेगा प्रवेश का रास्ता
मध्यप्रदेश के 18 आयुर्वेद कॉलेजों को मिली मान्यता, BAMS की 3000 सीटों पर खुलेगा प्रवेश का रास्ता
Bhopal, MP

सत्र 2025–26 के लिए मध्यप्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा को बड़ा प्रोत्साहन मिला है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM), नई दिल्ली ने राज्य के 18 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों को मान्यता प्रदान की है, जिनमें 7 शासकीय और 11 निजी संस्थान शामिल हैं।
इस निर्णय के साथ मध्यप्रदेश, देश में आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता प्राप्त सूची में दूसरे स्थान पर आ गया है। हालांकि अब भी प्रदेश के 16 आयुर्वेद कॉलेजों सहित देशभर के 482 कॉलेजों की मान्यता लंबित है।
इन प्रमुख कॉलेजों को मिली स्वीकृति
भोपाल के प्रतिष्ठित पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कॉलेज को 75 अंडरग्रेजुएट (BAMS) और 74 पोस्टग्रेजुएट (MD/MS) सीटों की मान्यता मिली है।
वहीं, भोपाल के मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, रामकृष्ण कॉलेज, सरदार अजीत सिंह स्मृति कॉलेज और स्कूल ऑफ आयुर्वेद साइंस को 100-100 BAMS सीटों पर स्वीकृति दी गई है।
अन्य शासकीय मान्यता प्राप्त कॉलेजों में ग्वालियर, इंदौर, रीवा, जबलपुर, उज्जैन और बुरहानपुर के शासकीय आयुर्वेद संस्थान शामिल हैं।
प्रदेश में BAMS की सीटें अब 3000 के पार
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने बताया कि इस मान्यता के बाद प्रदेश में अंडरग्रेजुएट आयुर्वेद सीटों की संख्या लगभग 3000 हो गई है। देशभर में 598 मान्यता प्राप्त आयुर्वेद कॉलेजों में अब 42,000 से अधिक BAMS सीटें उपलब्ध हैं।
सभी आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया NEET 2025-26 के परिणामों के आधार पर ही होगी।
देश के अन्य राज्यों की स्थिति
NCISM द्वारा अन्य जिन राज्यों के कॉलेजों को मान्यता दी गई है, उनमें शामिल हैं:
-
उत्तर प्रदेश – 23 कॉलेज
-
महाराष्ट्र – 33 कॉलेज
-
कर्नाटक – 13 कॉलेज
-
उत्तराखंड – 7 कॉलेज
-
पंजाब – 4, ओडिशा – 4, छत्तीसगढ़ – 3, गुजरात – 3, हरियाणा – 2
-
साथ ही असम, हिमाचल, केरल, तेलंगाना, पांडिचेरी और पश्चिम बंगाल से 1-1 कॉलेज को मान्यता दी गई है।
बची हुई मान्यताओं पर जल्द फैसला जरूरी
डॉ. पाण्डेय ने NCISM और आयुष मंत्रालय से अपील की है कि देशभर में लंबित 482 आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता पर जल्द निर्णय लिया जाए, ताकि NEET आयुष काउंसलिंग समय पर शुरू हो सके और छात्रों को असमंजस या विलंब का सामना न करना पड़े।