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बैतूल: स्कूल में तिलक-कलावा विवाद पर एबीवीपी का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प, हनुमान चालीसा का पाठ
Betul, MP

शहर के लिटिल फ्लावर स्कूल में गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने कथित धार्मिक प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन छात्रों के तिलक और कलावा पहनने पर आपत्ति जताता है और भारत माता की जय जैसे नारों की भी अनुमति नहीं देता।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं की स्कूल स्टाफ से तीखी बहस हुई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग कर स्थिति नियंत्रित की, लेकिन इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं की पुलिस से भी धक्का-मुक्की हुई। बाद में कार्यकर्ताओं ने स्कूल कैंपस में ही बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
4.5 घंटे चला प्रदर्शन, प्रिंसिपल से सार्वजनिक घोषणा की मांग
प्रदर्शन सुबह 11 बजे शुरू हुआ और करीब साढ़े चार घंटे चला। एबीवीपी कार्यकर्ता स्कूल प्रिंसिपल सिस्टर जोजिना को बुलाने पर अड़े थे। बाद में वे गेट पर आईं और स्पष्ट किया कि स्कूल में किसी धार्मिक प्रतीक या परंपरा पर कोई रोक नहीं है।
प्रदर्शनकारियों ने इस बयान की सार्वजनिक घोषणा की मांग की। मौके पर पहुंचे शिक्षा विभाग के योजना अधिकारी ने मंच से स्पष्ट किया कि स्कूल में किसी धर्म, जाति या परंपरा को मानने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
एबीवीपी का आरोप: धार्मिक प्रतीकों का अपमान
एबीवीपी नगर मंत्री देव प्रजापति ने दावा किया कि कुछ छात्रों ने स्कूल प्रशासन पर कलावा उतारकर डस्टबिन में फेंकने और तिलक मिटाने के आरोप लगाए हैं। उनका यह भी कहना था कि छात्रों को भारत माता की जय के नारे लगाने से भी रोका जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि “हिंदू विरोधी गतिविधियां” बंद नहीं हुईं तो स्कूल में तालाबंदी कर दी जाएगी।
प्रबंधन का पक्ष: त्योहार मनाए जाते हैं, आरोप बेबुनियाद
स्कूल प्रबंधन और स्टाफ ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में 90% से अधिक शिक्षक हिंदू हैं और यहां हर धार्मिक त्योहार मनाया जाता है। स्कूल स्टाफ ने प्रदर्शन को “राजनीतिक एजेंडा” बताया और प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
स्थिति कई बार तनावपूर्ण हुई
प्रदर्शन के दौरान शिक्षक ही कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे, जिससे प्रदर्शनकारी और अधिक आक्रोशित हो गए। कई बार हाथापाई जैसी स्थिति बनी, जिसे पुलिस ने हस्तक्षेप कर टाल दिया। SDOP सुनील लाटा और टीआई सर्विंद धुर्वे ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।