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रायगढ़ हत्याकांड: 'वो बच जाता तो हमें जिंदा नहीं छोड़ता', सुपारी लेकर मार डाला ग्राम सचिव को
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कांग्रेस के पूर्व विधायक चक्रधर सिंह सिदार के भाई और ग्राम सचिव जयपाल सिंह सिदार की हत्या की गुत्थी अब लगभग सुलझ गई है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह एक सुपारी किलिंग थी, जिसमें हत्या की साजिश रायगढ़ जेल में बंद एक अपराधी शिव साहू ने रची थी। हत्या के लिए 1 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। जयपाल की सड़ी-गली लाश 23 दिन बाद सिसरिंगा घाटी के जंगल से बरामद हुई थी।
इस सनसनीखेज मर्डर केस में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें से दो कॉलेज छात्र हैं। पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि हत्यारों को यह तक नहीं पता था कि जिस व्यक्ति को वे मारने जा रहे हैं, वह पूर्व विधायक का भाई है। हत्या के बाद आरोपियों ने वीडियो में कहा, "अगर जयपाल बच जाता, तो हमें जिंदा नहीं छोड़ता।"
कैसे रची गई साजिश?
2022 में हत्या के आरोप में जेल में बंद शिव साहू को जयपाल सिंह पर अपनी पत्नी से अवैध संबंध होने का शक था। इसी शक के चलते उसने जेल से ही हत्या की साजिश रच डाली और बाहर मौजूद साथियों को जयपाल की हत्या के लिए 1 लाख रुपए की सुपारी दी, जिसमें 10 हजार एडवांस दिए गए थे।
7 जुलाई को जयपाल लापता हुआ था। पहले मामला गुमशुदगी का समझा गया, लेकिन सिसरिंगा जंगल में शव मिलने के बाद हत्या की पुष्टि हुई।
हत्या के बाद गांजा बेचने का प्लान
एक आरोपी शुभम गुप्ता ने पूछताछ में यह भी बताया कि हत्या के बाद जयपाल की कार का उपयोग गांजा बेचने में किया जाना था, जिससे पैसे कमाए जा सकें। हालांकि अभी तक पुलिस को किसी तरह की तस्करी से जुड़े सबूत नहीं मिले हैं।
तीनों आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड पहले से जेल में
मुख्य आरोपी शुभम गुप्ता, मदन गोपाल और कमलेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों ने मिलकर जयपाल की गला घोंटकर हत्या की और फिर जंगल में फेंक दिया। मास्टरमाइंड शिव साहू पहले से ही एक अलग हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।