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भोपाल में मैरिज सर्टिफिकेट होंगे पूरी तरह ऑनलाइन, घर बैठे होगा पंजीयन; निगम की नई डिजिटल पहल
भोपाल (म.प्र.)
नगर निगम की वेबसाइट से आवेदन, ऑनलाइन भुगतान और डिजिटल प्रमाणपत्र; नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर से मिलेगी राहत
भोपाल नगर निगम ने नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विवाह पंजीयन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का फैसला किया है। अब शहरवासियों को मैरिज सर्टिफिकेट के लिए निगम कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। घर बैठे आवेदन, दस्तावेज अपलोड और ऑनलाइन भुगतान के बाद डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सकेगा। इस नई व्यवस्था को लेकर गुरुवार को नगर निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
नई प्रणाली के तहत मैरिज सर्टिफिकेट अब केवल ऑनलाइन माध्यम से ही जारी किए जाएंगे। नागरिक निगम की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकेंगे। इससे समय की बचत होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रक्रिया अधिक सरल बनेगी। यह पहल खासतौर पर कामकाजी लोगों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए राहत लेकर आई है।
कैसे होगी पूरी प्रक्रिया
निगम कमिश्नर संस्कृति जैन के अनुसार, आवेदकों को सबसे पहले नगर निगम की वेबसाइट www.bmconline.gov.in पर जाना होगा। होमपेज पर ‘सिटीजन सर्विसेज’ विकल्प में जाकर मैरिज रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा। इसमें दूल्हा-दुल्हन से संबंधित जानकारी के साथ आवश्यक दस्तावेज स्कैन कर अपलोड किए जाएंगे। दस्तावेज अपलोड होते ही 1100 रुपये का शुल्क ऑनलाइन माध्यम से जमा करना होगा।
दस्तावेजों का सत्यापन कैसे होगा:
ऑनलाइन आवेदन के बाद प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल ही नहीं रहेगी, बल्कि भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। वार्ड में पदस्थ नगर निगम कर्मचारी अपलोड किए गए दस्तावेजों के आधार पर स्थल पर जाकर पंचनामा तैयार करेंगे और जानकारी की जांच करेंगे। इसके अलावा, जोनल अधिकारी और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी (एएचओ) आवेदक के पते पर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे। सत्यापन पूरा होने के बाद डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिसे आवेदक ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे।
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी
विवाह पंजीयन के लिए दूल्हा-दुल्हन, उनके माता-पिता और गवाहों के आधार कार्ड, विवाह का कार्ड और जिस स्थान पर शादी संपन्न हुई उसका प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। निगम अधिकारियों के अनुसार, मैरिज शाखा द्वारा केवल दूल्हा-दुल्हन को ही आवश्यकता पड़ने पर कार्यालय बुलाया जाएगा।
बैठक में अन्य अहम निर्देश
इस बैठक में कमिश्नर संस्कृति जैन ने निगम से जुड़ी अन्य सेवाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत को 50 दिन से अधिक लंबित न रखा जाए। तय समय सीमा में शिकायतों का निराकरण न होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, संपत्ति कर और अन्य बकाया करों की वसूली, खासकर बड़े बकायादारों से, प्रभावी ढंग से करने के निर्देश दिए गए। लीज रेंट की राशि समय पर जमा कराने पर भी विशेष जोर दिया गया।नगर निगम की यह पहल डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है, जिससे भोपाल में नागरिक सेवाओं को और अधिक सुलभ व पारदर्शी बनाने की उम्मीद है।
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