इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट क्या है, कितना सुरक्षित और ठंड में कैसे करें सही इस्तेमाल

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कम बिजली में बिस्तर गर्म रखने वाला इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट सर्दियों में राहत देता है, लेकिन लापरवाही नुकसानदेह हो सकती है

ठंड के मौसम में तापमान गिरते ही लोग सर्दी से बचाव के लिए रूम हीटर और ब्लोअर का सहारा लेते हैं। हालांकि, इन उपकरणों के लंबे इस्तेमाल से बिजली की खपत तेजी से बढ़ जाती है, जिससे घरेलू बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। ऐसे में इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट एक किफायती और व्यवहारिक विकल्प के रूप में उभर रहा है। कम बिजली में बिस्तर को गर्म रखने वाली यह डिवाइस शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लापरवाही बरती जाए तो यही सुविधा जोखिम में भी बदल सकती है।

इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट मूल रूप से एक ऐसा कंबल होता है, जिसके अंदर पतले हीटिंग वायर लगाए जाते हैं। बिजली से जुड़ते ही ये वायर गर्म होकर पूरे ब्लैंकेट में समान रूप से ताप फैलाते हैं। इसमें लगा थर्मोस्टेट तापमान को नियंत्रित करता है, जिससे अत्यधिक गर्म होने का खतरा कम हो जाता है। बाजार में उपलब्ध नए मॉडलों में फाइबरग्लास वायर और इंफ्रारेड हीटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें पहले के मुकाबले अधिक सुरक्षित और ऊर्जा-सक्षम माना जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का सही तरीका अपनाना बेहद जरूरी है। इसे सीधे ओढ़ने के बजाय बिस्तर पर बिछाकर, ऊपर से सामान्य चादर डालकर इस्तेमाल करना चाहिए। सोने से पहले 10 से 15 मिनट तक कम तापमान पर इसे चालू करना पर्याप्त होता है। बेहतर यह माना जाता है कि सोने के समय इसे बंद कर दिया जाए या न्यूनतम हीट मोड पर रखा जाए।

बिजली खपत की बात करें तो इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट रूम हीटर की तुलना में कहीं अधिक किफायती है। आमतौर पर इसकी पावर क्षमता 100 से 150 वॉट के बीच होती है। यदि 150 वॉट का ब्लैंकेट रोजाना छह घंटे, चार महीने तक इस्तेमाल किया जाए, तो कुल बिजली खपत लगभग 108 यूनिट होती है। इसके विपरीत, एक रूम हीटर 1500 से 2000 वॉट तक बिजली खर्च करता है, जिससे रोजाना का खर्च कई गुना बढ़ जाता है।

हालांकि, सुरक्षा को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट को सीधे त्वचा के संपर्क में रखने से धीरे-धीरे जलने का खतरा रहता है, जिसे लो-लेवल बर्न कहा जाता है। बुजुर्गों, शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज या नसों की कमजोरी से पीड़ित लोगों को इसका उपयोग विशेष सावधानी के साथ करना चाहिए। नमी या गीले बिस्तर की स्थिति में इसका इस्तेमाल शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकता है।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ब्लैंकेट को मोड़कर या दबाकर इस्तेमाल न करें। यदि तार टूटे हों या जलने के निशान दिखाई दें, तो तुरंत उपयोग बंद कर देना चाहिए। लंबे समय तक मैक्सिमम हीट पर चलाने से भी बचना जरूरी है। सही रखरखाव और सावधानी के साथ इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट को 5 से 7 साल तक सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।

आज की ताजा खबरों और उपभोक्ता हित से जुड़ी इस जानकारी का मकसद यही है कि सुविधा के साथ सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाए। ठंड से राहत पाने के लिए इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट उपयोगी विकल्प है, बशर्ते इसका इस्तेमाल समझदारी और जिम्मेदारी के साथ किया जाए।

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