विटामिन C की कमी से बढ़ता संक्रमण का खतरा: रोजाना चाहिए 75mg, जानें लक्षण और फूड्स

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भारत में 30% लोग विटामिन C डेफिशिएंसी से प्रभावित, आंवला-स्ट्रॉबेरी जैसे फूड्स से पूरी करें रोजाना जरूरत

बार-बार सर्दी-खांसी, थकान, घाव देर से भरना और कमजोर इम्युनिटी—ये लक्षण केवल मौसम का असर नहीं, बल्कि शरीर में विटामिन-C की कमी का संकेत भी हो सकते हैं। नेशनल और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के आंकड़े बताते हैं कि भारत में बड़ी आबादी इस जरूरी पोषक तत्व की कमी से जूझ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर रोजाना 75–90 मिलीग्राम विटामिन-C नहीं मिला, तो इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ सकता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

विटामिन-C एक वाटर-सॉल्युबल विटामिन है, जिसे शरीर खुद नहीं बना सकता। इसे रोजाना डाइट के जरिए लेना जरूरी होता है। न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि विटामिन-C इम्युनिटी को मजबूत करने, कोलेजन निर्माण, घाव भरने और आयरन के अवशोषण में अहम भूमिका निभाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट भी है, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है।

जर्नल ऑफ एकेडमी ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, भारत में करीब 30% लोगों में विटामिन-C की कमी पाई गई है। वहीं ‘पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस वन’ की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर भारत में लगभग 74% और दक्षिण भारत में 46% आबादी इस डेफिशिएंसी से प्रभावित है। खराब खानपान, फास्ट फूड पर निर्भरता और फल-सब्जियों की कमी इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, स्मोकिंग करने वाले, शराब का सेवन करने वाले, लंबे समय से तनाव में रहने वाले और हाल ही में सर्जरी करा चुके लोगों में विटामिन-C की कमी का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भी विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

विटामिन-C की कमी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं। बार-बार संक्रमण होना, मसूड़ों से खून आना, त्वचा का रूखा पड़ना, जोड़ों में दर्द, थकान और घाव का देर से भरना इसके आम संकेत हैं। लंबे समय तक अनदेखी करने पर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

अच्छी खबर यह है कि सही खानपान से विटामिन-C की कमी आसानी से पूरी की जा सकती है। आंवला, संतरा, नींबू, अमरूद, पपीता, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च और हरी सब्जियां इसके बेहतरीन स्रोत हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोज एक संतरा या एक आंवला भी दैनिक जरूरत पूरी कर सकता है।

सामान्य तौर पर सप्लीमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर डाइट से पर्याप्त मात्रा न मिल रही हो या डॉक्टर कमी की पुष्टि करें, तभी चिकित्सकीय सलाह से सप्लीमेंट लेना चाहिए। अधिक मात्रा में सप्लीमेंट लेने से पाचन संबंधी दिक्कतें और किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित आहार और जागरूकता से विटामिन-C की कमी को रोका जा सकता है। आज की ताज़ा ख़बरें और भारत समाचार अपडेट यही संकेत देते हैं कि छोटी-सी लापरवाही लंबे समय की बीमारी में बदल सकती है।

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