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श्रावण मास में बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार दर्शन
DHARAM DESK

श्रावण मास की शुक्ल अष्टमी तिथि पर शुक्रवार 01 अगस्त 2025 को श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रातःकालीन भस्म आरती के अवसर पर बाबा महाकाल का अनुपम श्रृंगार दर्शन हुआ। चंद्रमा, त्रिपुंड और रुद्राक्ष से सुशोभित भगवान के इस अलौकिक रूप ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रातः 3:00 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही सबसे पहले भगवान महाकाल का जल, दूध, दही, शहद और घृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद भस्म से उनका श्रृंगार किया गया और भव्य पुष्पमालाओं से अलंकृत किया गया। श्रीफल, बिल्वपत्र, चंदन और गुलाल से महादेव को सजाया गया। चारों ओर गूंजते “हर हर महादेव” के जयकारों के बीच आरती की दिव्यता ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
श्रृंगार की विशेषता:
इस बार बाबा का श्रृंगार खास रूप से रक्षासूत्र, पीत वस्त्रों, कनेर व कमल पुष्पों से किया गया। त्रिशूल, डमरू और नागराज की प्रतीकात्मक सजावट भी की गई। मंदिर के गर्भगृह को भी विशेष रूप से सजाया गया था।
भक्तों का उमड़ा जनसैलाब:
श्रावण माह में महाकाल दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु उज्जैन आते हैं। इस पावन दिन पर लगभग 1.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में पहुंचकर बाबा के दर्शन किए। मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।
🕉 श्रावण मास में करें बाबा महाकाल की आराधना
भक्तों के अनुसार श्रावण मास में महाकाल के दर्शन मात्र से समस्त पापों का क्षय हो जाता है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। भस्म आरती में शामिल होना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।