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बैतूल में छात्र की संदिग्ध मौत पर बवाल: परिजनों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर जोर, अस्पताल गेट पर चक्काजाम
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12वीं कक्षा के छात्र पीयूष धुर्वे की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद मामला गरमा गया है। सोमवार को पीयूष के परिजनों और आदिवासी समाज के लोगों ने जिला अस्पताल के गेट पर करीब एक घंटे तक चक्काजाम कर दिया। उनका आरोप है कि इलाज में लापरवाही हुई और मौत के कारणों को छुपाया जा रहा है।
परिजनों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर शव मर्चुरी से लेने से इनकार कर दिया। पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद उन्हें शॉर्ट पीएम रिपोर्ट सौंपी गई, जिसके बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।
पोस्टमॉर्टम में क्या निकला सामने?
पीयूष का पोस्टमॉर्टम डॉ. रंजीत राठौर, डॉ. तरुण साहू और डॉ. अशोक उइके की टीम ने किया। प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई और बिसरा सागर लैब भेजा गया है। भोपाल के फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सतपथी से भी सलाह ली गई।
मेडिकल सूत्रों के अनुसार, पीयूष के दिल में खून का थक्का और लिवर में सूजन पाई गई, जिससे कार्डियक अरेस्ट से मौत की आशंका जताई गई है।
इलाज में लापरवाही का आरोप
परिजनों का कहना है कि शनिवार को ईंट बनाने की मशीन में उंगली फंसने के बाद पीयूष को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां ऑपरेशन लगातार टाला गया। शाम 4 बजे का ऑपरेशन रात 8 बजे तक नहीं हुआ। बाद में हालत बिगड़ने पर नागपुर ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
परिजनों का यह भी आरोप है कि डॉक्टरों ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी, न ही पीयूष को अंतिम बार देखने दिया गया।
प्रशासन ने दिया निष्पक्ष जांच का भरोसा
हंगामे के बाद प्रशासन ने परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। घटना के बाद अस्पताल और आसपास का इलाका पुलिस निगरानी में है। अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन मांग तेज है।