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ऊर्जा मंत्री ने जताई नाराजगी: मानसून की शुरुआत में ही ट्रिपिंग पर जताई चिंता, कहा- लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो
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मध्यप्रदेश में मानसून की शुरुआती बारिश के साथ ही बिजली ट्रिपिंग की बढ़ती शिकायतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिजली व्यवस्था और मेंटेनेंस की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "मानसून की शुरुआत है और ट्रिपिंग की इतनी घटनाएं दुखद हैं। जिनके फोन नहीं लगते, जो जवाबदेही नहीं निभा रहे, उन्हें पद से हटाया जाए।"
ट्रिपिंग पर फूटा मंत्री का गुस्सा
मंत्री ने बिजली कंपनियों के एमडी को निर्देश दिए कि लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और ज़रूरत पड़े तो उनके जूनियर सक्षम अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी जाए।
"लाखों खर्च होने के बाद भी हल्की आंधी में बिजली गुल होना गंभीर बात है,"
ऊर्जा मंत्री ने कहा।
इंदौर की समीक्षा पर भी जताई असंतुष्टि
इंदौर की समीक्षा के दौरान मंत्री ने शिकायतों के निराकरण में ढिलाई पर असंतोष जताया और बिजली कंपनी के एमडी को साफ निर्देश दिए कि
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ज़रूरत के अनुसार मैनपावर और उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाएं,
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मेंटेनेंस के बावजूद हो रही ट्रिपिंग की जांच कर रिपोर्ट दें,
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रहवासी संघों और जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखें।
सीएम हेल्पलाइन शिकायतों को प्राथमिकता
ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिए कि
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शिकायतों का समाधान 3-4 घंटे में किया जाए,
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यदि देरी हो तो कारण सहित रिपोर्ट तैयार की जाए,
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बड़ी घटनाओं की जानकारी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक की जाए।
ट्रिपिंग कम करने के लिए 45 करोड़ की राशि
बैठक में अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) नीरज मंडलोई ने बताया कि मेंटेनेंस के लिए तीनों वितरण कंपनियों को 15-15 करोड़ रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कंपनियों से इन फंड्स का सही उपयोग कर सिस्टम को सशक्त बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया सहित सभी वितरण कंपनियों के एमडी मौजूद रहे। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जानकारी दी कि फोन न उठाने पर 15 अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकी गई है।