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नीमच में अमित शाह: CRPF के 86वें स्थापना दिवस पर जवानों को किया सम्मानित, बोले- 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद
Neemach, MP

मध्यप्रदेश के नीमच में गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 86वें स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की।
शाह ने इस अवसर पर राइजिंग डे परेड की सलामी ली और वीरता पदक से सम्मानित सीआरपीएफ जवानों का सम्मान करते हुए बलिदानी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह में दिखी शौर्य और सम्मान की झलक
समारोह में सीआरपीएफ की 8 अलग-अलग टुकड़ियों ने परेड की शानदार प्रस्तुति दी। खासतौर पर CoBRA, RAF, Valley QAT और डॉग स्क्वॉड ने विशेष प्रदर्शन कर दर्शकों को प्रभावित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने परेड का निरीक्षण किया और वीरता पदकों के लिए चयनित जवानों को सम्मानित किया।
इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया, सांसद सुधीर गुप्ता, नीमच जिले के सभी विधायक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
शाह ने जवानों और परिजनों से की बातचीत
गृहमंत्री शाह ने सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात कर उनके त्याग को नमन किया। उन्होंने परेड कमांडरों व जवानों से सीधा संवाद भी किया और उनके योगदान को "राष्ट्र की रीढ़" बताया।
शाह के संबोधन की मुख्य बातें:
🔴 2026 तक नक्सलवाद होगा खत्म
अमित शाह ने कहा कि “31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा कर दिया जाएगा। आज यह सिर्फ चार जिलों तक सिमटकर रह गया है, जो सीआरपीएफ की वीरता का परिणाम है।”
🔵 370 हटने के बाद शांतिपूर्ण चुनाव में CRPF की भूमिका
शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए चुनावों में CRPF ने निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुरक्षित चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित की। एक भी गोली नहीं चली और कोई बूथ लूटा नहीं गया – यह सीआरपीएफ की सतर्कता का प्रमाण है।”
⚫ देश की सुरक्षा में हर मोर्चे पर CRPF आगे
कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक और नक्सल प्रभावित इलाकों से लेकर वीआईपी सुरक्षा तक – हर चुनौती में CRPF ने अपनी कुशलता और समर्पण से देश को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई है।
CRPF का गौरवशाली इतिहास
CRPF की नींव 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश शासन के दौरान ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ के रूप में पड़ी थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद, 28 दिसंबर 1949 को देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसे ‘सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स’ का नाम दिया। 19 मार्च 1950 को बल को औपचारिक ध्वज भी प्रदान किया गया।
आज CRPF दुनिया की सबसे बड़ी और अत्याधुनिक अर्धसैनिक बलों में शामिल है, जो आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद-नक्सलवाद के खिलाफ अभियान, वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और शांति स्थापना जैसे अनेक क्षेत्रों में देश का मजबूत प्रहरी बना हुआ है।
निष्कर्ष:
नीमच में आयोजित यह भव्य समारोह सिर्फ एक परेड नहीं था, बल्कि यह भारत के सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान और गर्व की एक झलक थी। अमित शाह का यह संदेश स्पष्ट है — देश की सुरक्षा में लगे जवानों की बदौलत ही भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।