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सौरभ शर्मा केस: मां, पत्नी, जीजा और साले को कोर्ट से राहत, 10 लाख के बॉन्ड पर मिली जमानत
BHOPAL, MP

भोपाल आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से जुड़े बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी अपडेट सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत ने सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, जीजा विनय आसवानी और साले रोहित तिवारी को 10-10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
वीडियो कॉन्फ्रेंस से होगी मुख्य आरोपियों की पेशी
इस मामले में मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा, उसके करीबी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर की अगली पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इन तीनों को पहले ही न्यायिक हिरासत में लिया जा चुका है और वर्तमान में ये केंद्रीय जेल में बंद हैं।
52 किलो सोना और 11 करोड़ नकद का मामला
ईडी ने इस सप्ताह मंगलवार को सौरभ और उसके साथियों के खिलाफ विस्तृत चालान कोर्ट में पेश किया था। इस चार्जशीट में यह खुलासा हुआ है कि एक इनोवा कार से बरामद 52 किलो सोना और 11 करोड़ की नकदी सौरभ शर्मा की है। अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की।
12 लोगों को बनाया गया है आरोपी
ईडी की चार्जशीट में कुल 12 आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिनमें सौरभ शर्मा, उसकी मां, पत्नी, शरद, चेतन और इनके नाम पर रजिस्टर्ड फर्मों और कंपनियों के डायरेक्टर्स शामिल हैं। जांच एजेंसी ने साफ किया है कि सभी संपत्तियां अवैध रूप से अर्जित की गईं और इन्हें रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर ट्रांसफर किया गया था।
फर्मों के नाम पर बनाई गई करोड़ों की संपत्तियां
चार्जशीट के मुताबिक, केवल एक फर्म के नाम पर ही 15 से ज्यादा प्रॉपर्टी रजिस्ट्रियां की गई हैं। ईडी ने इन फर्मों और उनके माध्यम से अर्जित की गई संपत्तियों को पीएमएलए (PMLA) एक्ट 2002 के तहत जब्त करने की सिफारिश की है।
लोकायुक्त की देरी बनी थी जमानत की वजह
गौरतलब है कि लोकायुक्त पुलिस इस केस में 60 दिनों के भीतर चालान पेश नहीं कर सकी, जिसके चलते सौरभ, चेतन और शरद को जमानत मिल गई थी। इसको लेकर लोकायुक्त की कार्यशैली पर सवाल भी उठे थे। अब ईडी ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए अपनी तरफ से विस्तृत चालान दाखिल कर मामले को मजबूत किया है।
निष्कर्ष:
ईडी की कार्रवाई के बाद मामला गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों पर लगे आरोप मनी लॉन्ड्रिंग और अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने जैसे गंभीर आर्थिक अपराध से जुड़े हैं। आने वाले दिनों में इस केस की अगली सुनवाई और जांच से कई और खुलासे होने की संभावना है।