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एमपी में तहसीलदार व नायब तहसीलदार के दो दिन में काम पर लौटने की उम्मीद, पीएस से सार्थक बातचीत
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद एक सकारात्मक पहल सामने आई है। 6 अगस्त से चले आ रहे इस आंदोलन के बीच प्रशासन और तहसीलदार संघ के बीच हुई पीएस स्तर की बातचीत को सार्थक बताया जा रहा है। तहसीलदार संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि लिखित आदेश मिलने के बाद बुधवार तक अधिकारी अपने पदों पर वापस लौट सकते हैं।
हड़ताल की वजह और कारण
तहसीलदार व नायब तहसीलदार पिछले कुछ दिनों से न्यायिक व गैर-न्यायिक कार्यों को अलग-अलग करने के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस निर्णय से उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों में अनावश्यक उलझन और बाधा आ रही है। इस विरोध स्वरूप 6 अगस्त से उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी, जिसके कारण तहसीलों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया।
सरकार ने क्यों लिया अलग कदम?
सरकार का तर्क था कि न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों को अलग करने से प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी। हालांकि तहसीलदार इस बदलाव को अपने अधिकारों में कटौती मान रहे थे। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच संवाद की आवश्यकता महसूस हुई।
पीएस से हुई बातचीत का महत्व
सरकार और तहसीलदार संघ के बीच हुई बातचीत को इस संकट को सुलझाने के लिए निर्णायक कदम माना जा रहा है। धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी है और समस्याओं के समाधान के लिए दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “मौखिक रूप से हुई चर्चा सार्थक रही है। हमें उम्मीद है कि लिखित आदेश जल्द जारी होगा और हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन फिर से शुरू कर सकेंगे।”
किस प्रकार होगी वापसी?
तहसीलदार संघ ने स्पष्ट किया है कि आदेश जारी होते ही वे अपने कार्यालयों में वापस जाकर कार्यभार संभाल लेंगे। इससे तहसील स्तर पर कामकाज फिर से सुचारू रूप से चलने लगेगा, जो आम जनता के लिए राहत की खबर है।
हड़ताल के दौरान प्रभावित हुआ कामकाज
हड़ताल के कारण तहसील के न्यायिक और प्रशासनिक कार्य बाधित हो गए थे। भूमि रजिस्ट्रेशन, हलफनामे, प्रमाणपत्र, राजस्व संबंधित कार्य और अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हुई, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सरकार की अपील और अगली रणनीति
सरकार ने तहसीलदारों से संयम और समझदारी दिखाने की अपील की है। प्रशासन का मानना है कि आपसी संवाद से ही समस्या का स्थायी समाधान संभव है। भविष्य में इसी तरह की समस्याओं से बचने के लिए दोनों पक्ष मिलकर कार्यप्रणाली पर सुधार कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश के तहसील स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल के बाद हुई बातचीत ने एक उम्मीद जगाई है कि जल्द ही कामकाज फिर से पटरी पर लौट सकता है। यह कदम न केवल प्रशासन के सुचारू संचालन के लिए जरूरी है, बल्कि जनता को भी राहत देने वाला साबित होगा। आगे भी दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक संवाद जारी रहने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति पुनः न उत्पन्न हो।
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