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देश में कोरोना केस फिर बढ़े: 24 घंटे में 6800 एक्टिव केस, 68 मौतें; ग्वालियर में 3 डॉक्टर पॉजिटिव, स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर
Jagran Desk

देश में कोरोनावायरस की रफ्तार एक बार फिर चिंता बढ़ा रही है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 324 नए केस सामने आए हैं, जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 6815 हो गई है। सबसे ज्यादा केस 2053 के साथ केरल में सामने आए हैं। वहीं अब तक 68 मरीजों की मौत दर्ज की गई है, जिनमें से अकेले महाराष्ट्र में 18 मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि नए वैरिएंट्स के चलते संक्रमण 12 राज्यों तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है, हालांकि फिलहाल घबराने जैसी स्थिति नहीं है।
ग्वालियर में 3 डॉक्टर संक्रमित, MP अलर्ट पर
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सोमवार को 3 डॉक्टरों सहित 6 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य में इस समय कुल 43 एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को मास्क और टेस्टिंग को लेकर अलर्ट कर दिया है।
राज्यवार स्थिति और तैयारियां
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केरल: कोविड और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों पर सख्त निगरानी, अस्पतालों में मास्क अनिवार्य।
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कर्नाटक: गुलबर्गा में 25 बेड का कोविड वार्ड, ICU और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था।
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उत्तराखंड: सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश।
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हिमाचल प्रदेश: नाहन में पहला केस, 4 जून से अस्पतालों में मास्क अनिवार्य।
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गुजरात: सभी ज़िलों को हाई अलर्ट, ICU और वेंटिलेटर की तैयारियां मुकम्मल।
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पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- सरकार तैयार है।
भारत में मिले कोविड के 4 नए वैरिएंट
ICMR के अनुसार, देश में कोविड-19 के चार नए वैरिएंट्स की पहचान हुई है: LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। इनमें JN.1 वैरिएंट सबसे आम बन चुका है, जो तेजी से फैलता है लेकिन गंभीरता कम है। WHO ने इन्हें 'निगरानी में रखने योग्य वैरिएंट' की श्रेणी में रखा है।
JN.1 में लगभग 30 म्यूटेशन्स हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के अनुसार, यह वैरिएंट आसानी से फैलता जरूर है, लेकिन जानलेवा नहीं है।
सतर्कता जरूरी, घबराएं नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में अधिकांश लोगों को वैक्सीन और संक्रमण से पर्याप्त इम्युनिटी है, लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह Long COVID का संकेत हो सकता है।