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भारत–पाकिस्तान में फिर युद्ध का खतरा? अमेरिकी थिंक टैंक CFR की 2026 को लेकर बड़ी चेतावनी
Digital Desk
अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया है कि 2026 में कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव दोबारा भड़क सकता है, जिसका असर वैश्विक राजनीति और अमेरिकी हितों पर भी पड़ेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर युद्ध की आशंका जताई गई है। अमेरिका के प्रभावशाली थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) ने अपनी रिपोर्ट “Conflicts to Watch in 2026” में चेतावनी दी है कि वर्ष 2026 में दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच सैन्य संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क और सीमा पार तनाव इस संभावित टकराव की मुख्य वजह बन सकते हैं।
रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित संघर्ष देखने को मिला था। उस दौरान भारत ने आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसके बाद नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ा, हालांकि कुछ ही दिनों में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम (सीजफायर) लागू हो गया था।
CFR का आकलन है कि यदि कश्मीर में आतंकी गतिविधियां और बढ़ती हैं, तो भारत की ओर से कड़ा सैन्य जवाब दिया जा सकता है, जिससे हालात तेजी से युद्ध की ओर बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संघर्ष केवल दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके भू-राजनीतिक प्रभाव अमेरिका सहित अन्य वैश्विक शक्तियों पर भी पड़ेंगे।
कौन और कैसे तैयार हुई रिपोर्ट?
CFR की यह रिपोर्ट अमेरिकी विदेश नीति से जुड़े विशेषज्ञों के व्यापक सर्वे पर आधारित है। इसमें पूर्व राजनयिक, सैन्य अधिकारी, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और रणनीतिक मामलों के जानकार शामिल हैं। विशेषज्ञों ने दक्षिण एशिया को 2026 के लिए एक “उच्च जोखिम वाला क्षेत्र” बताया है, जहां किसी भी घटना से हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं।
आतंकी गतिविधियां बनीं मुख्य चिंता
रिपोर्ट में हालिया खुफिया इनपुट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में 30 से अधिक आतंकियों की सक्रिय मौजूदगी की आशंका है। यही स्थिति भारत-पाक संबंधों को सबसे अधिक अस्थिर बना रही है। CFR का मानना है कि आतंकी हमलों की एक और बड़ी घटना दोनों देशों को सीधे सैन्य टकराव की ओर धकेल सकती है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव का भी जिक्र
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2026 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष की संभावना बनी हुई है। हालांकि, CFR के अनुसार इसका प्रभाव अमेरिकी हितों पर अपेक्षाकृत सीमित रहेगा। हाल के महीनों में अफगान तालिबान और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बीच सीमा पर हुई झड़पें इस खतरे को और बढ़ाती हैं।
