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पाकिस्तानी महिला ने भारत में बेटी को दिया जन्म, नाम रखा 'गंगा भारती'
JAGRAN DESK

नवजात बच्ची के पिता खानू ने कहा- हम भाग्यशाली हैं कि लड़की का जन्म भारत में हुआ.
भारत-पाकिस्तान सीमा पर मानवीय संवेदनाओं का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के संगर गांव से आए 49 हिंदू तीर्थयात्रियों के एक जत्थे में शामिल गर्भवती महिला ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारतीय धरती पर कदम रखते ही एक बच्ची को जन्म दिया. इस घटना ने न केवल जत्थे में खुशी की लहर दौड़ा दी, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच इंसानियत के रिश्ते को भी मजबूत किया.
गुरुवार देर रात वाघा बॉर्डर पर पहुंचे इस जत्थे में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. गर्भवती महिला माया को भारतीय सीमा में प्रवेश करते ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए, एक स्थानीय ढाबा मालिक की मदद से उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में माया ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
नवजात बच्ची के पिता खानू ने बताया कि वे 25 दिन के वीजा पर भारत घूमने आए थे. उनका इरादा हरिद्वार जाने का था, लेकिन सीमा पर ही उनकी पत्नी को दर्द होने लगा. उन्होंने BSF और ढाबा मालिक का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मदद के बिना यह संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा, "हमारी BSF और अन्य लोगों ने अस्पताल में भी खूब मदद की. मेरी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया है. हम सभी बेहद खुश हैं कि बच्ची का जन्म भारत में हुआ, हमने उसका नाम गंगा भारती रखा है."
खानू ने बताया कि गंगा भारती से पहले उनके सात बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और पांच बेटियां हैं. उन्होंने अपनी एक बेटी की शादी भी कर दी है. अब उनके परिवार में कुल आठ बच्चे हैं.
"भारत में ही रहना चाहते हैं"
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए खानू के परिवार के अन्य सदस्यों ने अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वे भारत घूमने आए हैं और यहां का अनुभव बेहद सुखद है. एक रिश्तेदार ने कहा, "हम बहुत खुश हैं. हम भाग्यशाली हैं कि लड़की का जन्म भारत में हुआ. हम भारत में ही रहना चाहते हैं. भारत बहुत अच्छा देश है. यहां के लोगों ने हमें बहुत प्यार और समर्थन दिया है."
ढाबा मालिक की दरियादिली
इस पूरे घटनाक्रम में अटारी गांव के पास स्थित एक रेस्टोरेंट के मालिक रिंकू की भूमिका सराहनीय रही. उन्होंने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए माया को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने अस्पताल में भी माया और उसके परिवार की देखभाल की. रिंकू ने बताया कि मां, पिता और बच्चा तीनों स्वस्थ हैं.