ड्रीम-11 के बाहर होने से BCCI की कमाई पर असर नहीं, FY26 में आय ₹8,963 करोड़ रहने का अनुमान

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ब्याज से ही आएंगे ₹1,500 करोड़, नई स्पॉन्सरशिप डील्स और मजबूत ट्रेजरी से संतुलन

ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ड्रीम-11 के स्पॉन्सरशिप से हटने और ICC इवेंट्स से मिलने वाले रेवेन्यू में कमी के बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। बोर्ड की अपेक्स काउंसिल बैठक में पेश किए गए ड्राफ्ट बजट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में BCCI की कुल अनुमानित आय ₹8,963 करोड़ रहने की संभावना है। खास बात यह है कि इसमें से लगभग ₹1,500 करोड़ केवल ब्याज आय से प्राप्त होंगे।

यह आंकड़े ऐसे समय सामने आए हैं जब अगस्त 2025 में ड्रीम-11 ने BCCI के साथ अपनी ₹358 करोड़ की जर्सी स्पॉन्सरशिप डील समाप्त कर दी थी। इसकी वजह सरकार द्वारा लागू किया गया ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025’ है, जिसके तहत रियल मनी गेमिंग (RMG) पर प्रतिबंध लगा दिया गया। ड्रीम-11 का मुख्य व्यवसाय इसी मॉडल पर आधारित होने के कारण कंपनी को यह समझौता खत्म करना पड़ा।

ICC रेवेन्यू में गिरावट का सीमित असर
BCCI को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की कुल कमाई का 38.5% हिस्सा मिलता है। चालू चक्र में ICC टूर्नामेंट्स से अपेक्षाकृत कम आय होने के चलते बोर्ड के ICC रेवेन्यू में गिरावट का अनुमान है। इसके बावजूद, घरेलू और व्यावसायिक स्रोतों से हुई भरपाई के कारण कुल आय पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ा है।

नई स्पॉन्सरशिप से हुई भरपाई
ड्रीम-11 के बाहर होने के बाद BCCI ने जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए स्पोर्ट्स ब्रांड एडिडास के साथ उच्च मूल्यांकन पर नया करार किया है। इसके अलावा अपोलो टायर्स के साथ भी अलग स्पॉन्सरशिप डील की गई है। अपेक्स काउंसिल के नोट के अनुसार, बोर्ड ने अगले ढाई वर्षों के लिए जर्सी स्पॉन्सरशिप को पहले से बेहतर शर्तों पर सुरक्षित कर लिया है, जिससे रेवेन्यू गैप काफी हद तक भर गया।

जनरल फंड और सरप्लस में इजाफा
मजबूत वित्तीय प्रबंधन का असर BCCI के रिजर्व फंड पर भी दिखा है। FY25 के अंत में बोर्ड का जनरल फंड ₹7,988 करोड़ से बढ़कर ₹11,346 करोड़ हो गया, जबकि उसी वर्ष ₹3,358 करोड़ का सरप्लस दर्ज किया गया। सुरक्षित निवेश और प्रभावी ट्रेजरी मैनेजमेंट के चलते ब्याज आय में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है।

आगे की रणनीति और स्थिरता
BCCI की आय का बड़ा हिस्सा IPL, द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों, ICC से मिलने वाले शेयर और स्पॉन्सरशिप से आता है। जानकारों का मानना है कि विविध रेवेन्यू स्रोतों और मजबूत वित्तीय अनुशासन के कारण बोर्ड बाहरी चुनौतियों के बावजूद अपनी आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सफल रहा है।

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