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PPF मैच्योरिटी फंड ट्रांसफर करने में यूज करें ये ट्रिक, टैक्स के जाल से रहेंगे दूर
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PPF मैच्योरिटी फंड ट्रांसफर करना चाहते है. टैक्स के गणित नहीं समझने पर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे में आइए इसे समझते है.
अगर आप भी अपने PPF मैच्योरिटी फंड ट्रांसफर करना चाहते है. इससे पहले इसके टैक्स के गणित को समझ ले. टैक्स के गणित नहीं समझने पर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसको समझने के लिए एक उदाहरण की मदद लेते है. मान लीजिए कि आपकी पत्नी का PPF अप्रैल में मैच्योर हो रहा है. वह 23 लाख आपके सीनियर सिटीजन सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहती हैं. इसके अलावा 7 लाख रुपए आपकी बेटी को देना चाहती हैं. इस मामले में आपके टैक्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
PPF मैच्योरिटी का टैक्स गणित
अगर आप आपकी पत्नी और आपकी बेटी भारत में निवासी के रूप में टैक्स के लिए योग्य हैं. आपकी बेटी 18 साल या उससे अधिक उम्र की है तो PPF मैच्योरिटी की राशि को प्राप्त करने और ट्रांसफर करने पर ये टैक्स प्रभाव लागू होंगे. PPF मैच्योरिटी की अमाउंट जो केवल आपकी पत्नी द्वारा जमा की गई थी. यह पूरी तरह से उनकी इनकम में टैक्स से फ्री होगी.
गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर
अगर आपकी पत्नी PPF मैच्योरिटी की अमाउंट आपको और आपकी बेटी को गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर करती हैं. ऐसे में इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. चूंकि पति-पत्नी और माता-पिता से प्राप्त गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है. इसलिए जो राशि आपको और आपकी बेटी को मिलेगी. वह दोनों के हाथों में टैक्स से मुक्त होगी. जो ब्याज गिफ्ट किए गए फंड्स से प्राप्त होगा. वह आयकर अधिनियम के तहत “क्लबिंग प्रावधान” के तहत आएगा.
इस इनकम में जोड़ा जाएगा
इसका मतलब है कि इस ब्याज को आपकी पत्नी की इनकम में जोड़ा जाएगा. उस पर उनकी टैक्स दर के हिसाब से टैक्स लगेगा. हालांकि, अगर आप इस ब्याज को फिर से निवेश करते हैं तो उस से होने वाली दूसरी इनकम पर टैक्स आपके हाथों में लगेगा. आयकर कानून के तहत इंडेम्निटी बॉंड के तहत किए गए भुगतान के लिए कोई विशेष छूट या डिडक्शन की व्यवस्था नहीं है.