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SBI ने होम लोन किया सस्ता: ब्याज दर 0.50% घटी, अब 7.50% से शुरू; जानिए EMI पर कितना असर पड़ेगा
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होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने सभी प्रकार के लोन की ब्याज दरों में 0.50% की कटौती की है। इस कटौती के बाद अब SBI से होम लोन 7.50% की वार्षिक ब्याज दर पर मिलेगा, जो पहले 8% से शुरू होता था।
यह फैसला RBI द्वारा रेपो रेट में हालिया 0.50% की कमी के बाद लिया गया है। अब रेपो रेट 6% से घटकर 5.50% हो गया है, जिससे बैंकों को सस्ते में लोन मिल रहा है और वे ग्राहकों को कम दर पर लोन ऑफर कर पा रहे हैं।
नए और पुराने दोनों ग्राहकों को होगा फायदा
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नए ग्राहक: जो लोग अभी नया होम लोन लेना चाहते हैं, उन्हें अब कम ब्याज देना होगा।
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पुराने ग्राहक: जिनका लोन रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) से जुड़ा है, उनकी भी EMI अगली रीसेट अवधि में कम हो जाएगी या लोन की अवधि घट सकती है।
हालांकि, फिक्स्ड रेट लोन वालों को इस कटौती का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
EMI पर क्या असर पड़ेगा?
मान लीजिए आपने 25 लाख का लोन 20 साल के लिए लिया है:
ब्याज दर | EMI (प्रति माह) |
---|---|
पहले 8% | ₹20,911 |
अब 7.50% | ₹20,139 |
EMI में लगभग ₹770 प्रति माह की बचत होगी।
RLLR क्या होता है और कैसे तय होती है आपकी ब्याज दर?
RLLR = रेपो रेट + बैंक का मार्जिन
फिर इसमें जोड़ा जाता है क्रेडिट रिस्क प्रीमियम (आपकी सिबिल स्कोर पर आधारित)
उदाहरण के लिए:
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रेपो रेट = 5.50%
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बैंक मार्जिन = 2.65%
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RLLR = 8.15%
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क्रेडिट प्रीमियम = 0.5%
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अंतिम ब्याज दर = 8.65%
2 ज़रूरी सवालों के जवाब
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क्या पुराने और नए ग्राहक दोनों को बराबर लाभ मिलेगा?
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फ्लोटिंग रेट लोन वालों को RBI के नियम अनुसार रीसेट पीरियड में फायदा मिलेगा।
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लेकिन नए लोन पर बैंक स्प्रेड बढ़ा सकता है, जिससे पूरा फायदा न मिले।
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क्या फिक्स्ड रेट लोन को फ्लोटिंग में बदला जा सकता है?
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हां, बैंक से अनुरोध कर के RLLR में स्विच किया जा सकता है, लेकिन थोड़ी फीस देनी होगी। लंबे समय में यह फायदेमंद हो सकता है।
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होम लोन लेते समय रखें इन 3 बातों का ध्यान
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प्री-पेमेंट पेनल्टी:
समय से पहले लोन चुकाने पर कई बैंक पेनल्टी लगाते हैं। पहले नियम समझें। -
सिबिल स्कोर:
700 या उससे ऊपर का स्कोर होने पर ही बेहतर ब्याज दर मिलेगी। सिबिल स्कोर आपके क्रेडिट व्यवहार को दर्शाता है। -
बैंक ऑफर्स की तुलना करें:
जल्दबाजी में लोन लेने से बचें। अलग-अलग बैंकों के ऑफर्स और शर्तें पहले जांचें।