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जॉइंट प्रॉपर्टी पर किराए की आमदनी: पति-पत्नी में कौन देगा टैक्स? ITR भरने से पहले जानें पूरा नियम
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आयकर रिटर्न (ITR) भरने से पहले अगर आप रेंटल इनकम को लेकर कन्फ्यूजन में हैं—खासकर जब घर पति-पत्नी के नाम पर जॉइंटली हो—तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। ऐसे में बहुत से टैक्सपेयर्स के मन में सवाल है कि जॉइंट प्रॉपर्टी से होने वाली किराया आय (Rental Income) पर टैक्स किसे देना होगा?
पति-पत्नी की जॉइंट प्रॉपर्टी पर टैक्स की जिम्मेदारी
अगर कोई मकान पति और पत्नी दोनों के नाम पर है और वह किराए पर दिया गया है, तो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 26 लागू होती है। इसके तहत:
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अगर दोनों के शेयर स्पष्ट और पूर्व-निर्धारित हैं, तो किराए से होने वाली कुल आय को उसी अनुपात में बाँटा जाएगा।
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फिर, दोनों को अपनी-अपनी हिस्सेदारी की इनकम अपने स्वतंत्र ITR में शामिल करनी होगी।
उदाहरण के लिए, यदि पति-पत्नी का घर 50-50% शेयर में है और किराया ₹30,000 प्रति माह मिल रहा है, तो दोनों को ₹15,000 की इनकम दिखानी होगी और उसी अनुसार टैक्स देना होगा।
क्या-क्या क्लेम कर सकते हैं?
हर को-ओनर निम्नलिखित कटौतियों का अलग-अलग लाभ ले सकता है:
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सेक्शन 24(a): 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन
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सेक्शन 24(b): यदि घर खरीदने के लिए लोन लिया है, तो ब्याज पर कटौती
यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि किराए की आय पर टैक्स का बोझ सही और निष्पक्ष रूप से बाँटा जाए।
क्या होता है अगर शेयर तय नहीं हैं?
यदि पति-पत्नी के बीच प्रॉपर्टी शेयर का अनुपात तय नहीं है, तो सामान्यतः यह 50-50 मान लिया जाता है, जब तक कि वे कोई विशेष सबूत न दें।