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"उसने मुझे जीने लायक नहीं छोड़ा": प्रेमिका से धोखा खाए क्लर्क दीपक का सुसाइड, 18 पेज के नोट में लगाए गंभीर आरोप
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विदिशा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक कुमार ठकोरिया (35) ने अपने क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि दीपक ने 18 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ते हुए अपनी मौत के लिए प्रेमिका सोनाली नामदेव और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया है।
झूठे प्यार में फंसा, फिर छोड़ा अकेला
सुसाइड नोट के अनुसार, दीपक ने सोनाली पर झूठे प्रेम का नाटक कर उससे लगातार पैसे और महंगे सामान ऐंठने का आरोप लगाया है। नोट में उसने लिखा, "मैं जीना चाहता था, लेकिन सोनाली ने मुझे जीने लायक नहीं छोड़ा।" उसने यह भी बताया कि उसने सोनाली के परिवार के लिए सोना, चांदी, कैश, राशन, कपड़े, फ्रिज और अन्य वस्तुएं खरीदी थीं।
10 लाख से अधिक की उधारी का विवरण
दीपक ने नोट में 12 लोगों के नाम और उनसे ली गई कुल 10.68 लाख रुपये की उधारी का भी जिक्र किया है। उसने यह भी अपील की कि इन लोगों को दोषी न ठहराया जाए, लेकिन बहनों को ये पैसे वापस दिलाए जाएं।
बहनों का आरोप – "चौथा शिकार था हमारा भाई"
दीपक की बहनों का कहना है कि सोनाली पहले भी तीन युवकों को इसी तरह फंसा चुकी है। उन्होंने बताया कि दीपक सोनाली से शादी करना चाहता था और अपने खर्चे पर उसकी बहन की शादी तक करवाई थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, सोनाली ने शादी से इनकार कर दिया और धीरे-धीरे दूरी बनाना शुरू कर दी।
दीपक की अंतिम बातें – “मैं थक गया हूं पैसे देकर…”
दीपक ने लिखा, “मैंने सच्चा प्यार किया, लेकिन बदले में सिर्फ धोखा और आर्थिक शोषण मिला। सोनाली और उसका परिवार मुझसे लगातार पैसे मांगते रहे। शादी का वादा सिर्फ एक बहाना था।”
बहन का दावा – सुसाइड नोट कई दिनों से लिख रहा था दीपक
दीपक की बहन सुनीता का मानना है कि यह लंबा सुसाइड नोट एक रात में नहीं लिखा जा सकता। वह काफी समय से मानसिक प्रताड़ना झेल रहा था, लेकिन कभी परिवार को इसकी भनक नहीं लगने दी।
पुलिस ने आरोपी सोनाली नामदेव को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट को केस का अहम सबूत माना जा रहा है।