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सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी क्यों है लोगों की पहली पसंद, IRDAI की इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लोगों की पहली पसंद है.
IRDAI के 2023-24 डेटा के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में इंकरड क्लेम रेशियो में हल्की गिरावट आई है. 2022-23 में यह 88.89% था. अब यह 2023-24 में घटकर 88.15% हो गया. इस दौरान, इंश्योरेंस कंपनियों ने कुल 2.69 करोड़ हेल्थ इंश्योरेंस दावे निपटाए और दावों के निपटान पर 83,493 करोड़ रुपये खर्च किए. औसतन प्रति दावा भुगतान 31,086 रुपये था. दावे के निपटान में, 72% दावे TPAs (थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर) के माध्यम से निपटाए गए, जबकि 28% दावे कंपनी के इन-हाउस सिस्टम से निपटाए गए. भुगतान की विधि के बारे में बात करें तो, 66.16% दावे कैशलेस मोड में निपटाए गए. वहीं, 39% दावे रीइंबर्समेंट मोड में निपटाए गए.
प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के क्लेम रेशियो 2023-24 में इस प्रकार है:
- Acko General Insurance Limited: 56.93%
- Bajaj Allianz General Insurance: 84.96%
- Future Generali India Insurance: 84.62%
- Go Digit General Insurance Ltd.: 93.87%
- HDFC ERGO General Insurance: 80.98%
- ICICI Lombard General Insurance: 78.85%
सरकारी क्षेत्र की कंपनियों का क्लेम रेशियो इस प्रकार है:
क्या होता है इंकरड क्लेम रेशियो (ICR)?
इंकरड क्लेम रेशियो (ICR) का सही संतुलन होना चाहिए. यह न बहुत ज्यादा और न बहुत कम. अगर ICR 110% है. इसका मतलब है कि कंपनी जितना प्रीमियम इकट्ठा करती है. उससे ज्यादा दावे का भुगतान कर रही है. यह कंपनी के लिए वित्तीय समस्याओं का संकेत हो सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार, ICR का सही रेंज 80% से 100% के बीच होता है. यह प्रीमियम और दावों के बीच संतुलन को दर्शाता है. एक ICR जो 60% से कम है. वह यह संकेत दे सकता है कि कंपनी बहुत अधिक दावे खारिज कर रही है. यही कारण है कि सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लोगों की पहली पसंद है.