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14 मई 2025 का पंचांग: वायु देव को समर्पित द्वितीया तिथि, तीर्थ यात्रा और नए कार्यों के लिए शुभ योग
Dharm Desk

आज बुधवार, 14 मई 2025 को हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है।
इस दिन वायु देव की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक दृष्टि से यह तिथि तीर्थ यात्रा, भवन निर्माण और शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम मानी जाती है। आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, जो दिन को और अधिक शुभ बना देता है।
पंचांग विवरण
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विक्रम संवत: 2081
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माह: ज्येष्ठ
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पक्ष: कृष्ण
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तिथि: द्वितीया
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वार: बुधवार
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योग: परिध
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नक्षत्र: अनुराधा (शाम 4:40 बजे तक)
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करण: तैतिल
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चंद्र राशि: वृश्चिक
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सूर्य राशि: मेष
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सूर्योदय: प्रातः 05:59 बजे
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सूर्यास्त: सायं 07:12 बजे
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चंद्रोदय: रात्रि 08:51 बजे
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चंद्रास्त: प्रातः 06:12 बजे
आज के शुभ मुहूर्त
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सर्वार्थ सिद्धि योग: संपूर्ण दिन
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अमृत सिद्धि योग: प्रातःकाल से संध्या तक
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यह योग विशेषकर तीर्थ यात्रा, शिक्षा, कला, विवाह, परिधान धारण, नए कार्यों की शुरुआत, तथा कृषि और व्यापार के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
वर्जित समय और अशुभ काल
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राहुकाल: दोपहर 12:35 से 14:15 बजे तक
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यमगंड काल: सुबह 07:38 से 09:17 बजे तक
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गुलिक काल: प्रातः 10:56 से 12:35 तक
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इन समयों में किसी भी शुभ कार्य, यात्रा या लेन-देन से परहेज करना चाहिए।
कृषि और यात्रा के लिए अनुकूल नक्षत्र
आज का अनुराधा नक्षत्र सौम्य और शांत प्रकृति वाला है। इसके स्वामी शनि और अधिदेवता मित्र देव हैं। यह दिन यात्रा, वाणिज्य, मित्रता, संगीत, परिधान, उत्सवों में भागीदारी और कृषि कार्यों के लिए विशेष रूप से अनुकूल है।