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तेजस्वी का सियासी मास्टरस्ट्रोक: तेज प्रताप की साली करिश्मा राय को टिकट देकर बदला परसा का खेल
Bihar Elections

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लालू परिवार की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव की चचेरी साली डॉ. करिश्मा राय को परसा सीट से टिकट देकर सियासी चाल चली है
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले लालू यादव के परिवार में सियासी उथल-पुथल साफ नजर आ रही है। तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय से चल रही तकरार अब राजनीतिक मोड़ ले चुकी है। आरजेडी ने तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन डॉ. करिश्मा राय को सारण जिले की परसा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
यह फैसला कई स्तरों पर रणनीतिक माना जा रहा है। एक ओर जहां करिश्मा राय को टिकट देकर तेजस्वी ने चंद्रिका राय की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, वहीं उन्होंने तेज प्रताप यादव को भी अप्रत्यक्ष रूप से संदेश दिया है कि निजी रिश्तों से ऊपर अब पार्टी की राजनीति और रणनीति चलेगी।
करिश्मा राय, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती हैं, पेशे से एक डेंटिस्ट हैं। उन्होंने पहले ही आरजेडी में शामिल होकर तेज प्रताप को "सबसे प्यारा नेता" बताया था। वहीं चंद्रिका राय, जो 2020 में जेडीयू में शामिल हो चुके थे, को इस बार उनकी पार्टी ने परसा से टिकट नहीं दिया है। अब इस सीट से जेडीयू ने छोटेलाल राय को मैदान में उतारा है, जो पिछली बार चंद्रिका राय को हरा चुके हैं।
जातीय समीकरणों की बात करें तो परसा सीट पर यादव, मुस्लिम, कुशवाहा और दलित मतदाताओं की संख्या अधिक है। आरजेडी की पारंपरिक पकड़ यादव-मुस्लिम वोटबैंक पर रही है, जिससे करिश्मा राय को सीधा फायदा मिल सकता है।
तेजस्वी यादव के इस फैसले को राजनीतिक 'मास्टरस्ट्रोक' माना जा रहा है, जिससे न सिर्फ पारिवारिक विरोधियों को साधा गया, बल्कि पार्टी के परंपरागत वोटबैंक को भी मजबूत किया गया है।