- Hindi News
- देश विदेश
- संविधान अब 9 नई भाषाओं में उपलब्ध: राष्ट्रपति मुर्मू ने ऐतिहासिक सुधार और आर्थिक एकता की सराहना की
संविधान अब 9 नई भाषाओं में उपलब्ध: राष्ट्रपति मुर्मू ने ऐतिहासिक सुधार और आर्थिक एकता की सराहना की
Digital Desk
भारत ने बुधवार को संसद के सेंट्रल हॉल में भव्य समारोह के साथ अपने 150वें संविधान दिवस का आयोजन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर देश को सशक्त बनाने वाले महत्वपूर्ण कानूनी और आर्थिक सुधारों को रेखांकित किया और संविधान को 9 नई भाषाओं में जारी किया।
समारोह में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद द्वारा तीन तलाक को समाप्त करने के निर्णय को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “तीन तलाक जैसी सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन महिलाओं के अधिकार और सम्मान को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
राष्ट्रपति ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के प्रभाव पर भी जोर दिया और इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार करार दिया। उन्होंने कहा, “GST ने न केवल कर प्रणाली को सुगम बनाया है, बल्कि देश की आर्थिक एकता को भी मजबूत किया है।”
राजनीतिक सुधारों पर बात करतेहुए राष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटाने से देश की राजनीतिक एकता में बाधा दूर हुई, जबकि नारी शक्ति बंधन कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की नई दिशा प्रदान करेगा। समारोह के दौरान उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी किया।
संविधान अब मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया में भी उपलब्ध है। यह कदम अधिक से अधिक लोगों को अपनी मातृभाषा में संविधान पढ़ने और समझने का अवसर देगा, जिससे कानूनी साक्षरता और समावेशिता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दोनों सदनों के सांसद समारोह में शामिल हुए। यह अवसर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का जश्न मनाने और देश की न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर था।
संविधान दिवस 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान के निर्माण की याद दिलाता है। इस वर्ष की परंपरा भारत की समृद्ध कानूनी विरासत और यह सुनिश्चित करने के प्रयास को उजागर करती है कि हर नागरिक, चाहे किसी भी भाषा या क्षेत्र का हो, संविधान से जुड़ सके।
