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पंचांग: देव स्थापना, विवाह और स्थायी कार्यों के लिए अनुकूल दिन, विवाद से बनाएं दूरी
Dharm, Desk
सोमवार, 22 दिसंबर 2025 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। पंचांग के अनुसार यह तिथि देवताओं की स्थापना, चंद्र दर्शन, विवाह और स्थायित्व से जुड़े कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। हालांकि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन किसी भी प्रकार के विवाद, तकरार या कटु संवाद से बचना आवश्यक है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के देवता विश्वदेव माने जाते हैं। इस तिथि पर चंद्रमा के दर्शन करना सौभाग्यवर्धक माना गया है। यही कारण है कि पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, मूर्ति स्थापना और शुभ आरंभ के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है।
22 दिसंबर 2025 का विस्तृत पंचांग
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विक्रम संवत: 2082
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मास: पौष
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पक्ष: शुक्ल
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तिथि: द्वितीया
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वार: सोमवार
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योग: ध्रुव
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नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा
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करण: कौलव
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चंद्र राशि: धनु
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सूर्य राशि: धनु
सूर्य और चंद्र समय
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सूर्योदय: सुबह 07:16 बजे
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सूर्यास्त: शाम 05:59 बजे
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चंद्रोदय: सुबह 09:01 बजे
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चंद्रास्त: शाम 07:28 बजे
अशुभ समय (वर्जित काल)
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राहुकाल: सुबह 08:36 से 09:57 बजे तक
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यमगंड: 11:17 से 12:37 बजे तक
इन अवधियों में शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही गुलिक काल, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् समय में भी कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लेना ही बेहतर माना गया है।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का महत्व
आज चंद्रमा धनु राशि में स्थित होकर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में भ्रमण कर रहे हैं। यह नक्षत्र स्थिर स्वभाव का होता है और इसके स्वामी सूर्य देव हैं। इसके देवता विश्वदेव माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह नक्षत्र दीर्घकालिक सफलता और स्थायित्व प्रदान करने वाला होता है।
इस नक्षत्र में विशेष रूप से शुभ माने जाने वाले कार्य—
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कुआं खुदवाना या जल स्रोत से जुड़े कार्य
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भवन की नींव डालना या नगर निर्माण
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भूमि खरीद-फरोख्त
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धार्मिक अनुष्ठान व देव पूजा
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मंदिर निर्माण
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विवाह और स्थायी सफलता से जुड़े कार्य
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बीज बोना और कृषि आरंभ
क्या न करें आज के दिन
ज्योतिषीय दृष्टि से द्वितीया तिथि को विवादों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। इसलिए आज—
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वाद-विवाद
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कानूनी झगड़े
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आपसी टकराव
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कठोर निर्णय
से यथासंभव दूरी बनाए रखना ही शुभ फलदायी रहेगा।
