पौष पुत्रदा एकादशी 30 या 31 दिसंबर? जानिए सही व्रत तिथि, महत्व और विधि

धर्म डेस्क।

On

पंचांग गणना के अनुसार वर्ष 2025 की अंतिम एकादशी 30 दिसंबर को, संतान सुख और समृद्धि से जुड़ा है व्रत

हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का विशेष स्थान है और पौष मास में आने वाली पुत्रदा एकादशी को संतान सुख से जोड़कर देखा जाता है। वर्ष 2025 में इस व्रत की तिथि को लेकर श्रद्धालुओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि व्रत 30 दिसंबर को रखा जाएगा या 31 दिसंबर को। पंचांग और शास्त्रीय नियमों के आधार पर इसकी स्थिति अब स्पष्ट मानी जा रही है।

धार्मिक पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह 6 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगी और इसका समापन 31 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 48 मिनट पर होगा। शास्त्रों में एकादशी व्रत को उदयकाल के आधार पर मान्य बताया गया है। चूंकि 30 दिसंबर की सुबह उदयकाल में एकादशी तिथि उपस्थित रहेगी, इसलिए इसी दिन पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाना शास्त्रसम्मत माना गया है। 31 दिसंबर को यह तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी, इसलिए उस दिन व्रत का विधान नहीं है।

पुत्रदा एकादशी का संबंध भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। वहीं जिनके घर में संतान है, वे इस व्रत को संतान के स्वास्थ्य, उन्नति और दीर्घायु की कामना से करते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत रखने से पारिवारिक सुख, धन-धान्य और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

धर्माचार्यों के अनुसार वर्ष 2025 की यह अंतिम एकादशी होने के कारण इसका आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कई श्रद्धालु इस व्रत को पूरे दिन निर्जल या फलाहार के रूप में करते हैं।

पूजा विधि की बात करें तो पुत्रदा एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र पहनने की परंपरा है। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है। पंचामृत से अभिषेक कर धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। विष्णु सहस्त्रनाम या एकादशी कथा का पाठ किया जाता है और अंत में आरती कर प्रसाद वितरित किया जाता है।

धार्मिक विशेषज्ञ मानते हैं कि पुत्रदा एकादशी केवल व्रत नहीं बल्कि संयम, श्रद्धा और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है। आज भी बड़ी संख्या में लोग इस व्रत को पूरी आस्था के साथ निभाते हैं, जिससे यह हर वर्ष धार्मिक और सामाजिक चर्चा का विषय बन जाता है।

यह जानकारी पंचांग, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार पूजा और व्रत से पहले विद्वान से परामर्श करना उचित माना जाता है।

हमारे आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें –
🔴 व्हाट्सएप चैनल: https://whatsapp.com/channel/0029VbATlF0KQuJB6tvUrN3V
🔴 फेसबुक: Dainik Jagran MP/CG Official
🟣 इंस्टाग्राम: @dainikjagranmp.cg
🔴 यूट्यूब: Dainik Jagran MPCG Digital

📲 सोशल मीडिया पर जुड़ें और बने जागरूक पाठक।
👉 आज ही जुड़िए!

खबरें और भी हैं

इमरान खान के करीबी मिर्जा शहजाद अकबर पर ब्रिटेन में हमला, नाक–जबड़ा टूटा; आसिम मुनीर पर लगाया आरोप

टाप न्यूज

इमरान खान के करीबी मिर्जा शहजाद अकबर पर ब्रिटेन में हमला, नाक–जबड़ा टूटा; आसिम मुनीर पर लगाया आरोप

लंदन के कैम्ब्रिज में घर में घुसकर पिटाई, दो साल पहले हुआ था एसिड अटैक; PTI ने बताया राजनीतिक साजिश...
देश विदेश 
इमरान खान के करीबी मिर्जा शहजाद अकबर पर ब्रिटेन में हमला, नाक–जबड़ा टूटा; आसिम मुनीर पर लगाया आरोप

CG कांग्रेस में संगठन सशक्तिकरण की कवायद: राहुल गांधी जनवरी में जिलाध्यक्षों को देंगे ट्रेनिंग

बस्तर या सरगुजा में संभावित प्रशिक्षण शिविर, खड़गे समेत कई राष्ट्रीय नेता होंगे शामिल; अगले चुनावों की रणनीति पर होगा...
छत्तीसगढ़  रायपुर 
CG कांग्रेस में संगठन सशक्तिकरण की कवायद: राहुल गांधी जनवरी में जिलाध्यक्षों को देंगे ट्रेनिंग

जिस मां ने गहने बेचे, उसी बेटे ने बल्ले से बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड

बिहार के सकीबुल गनी बने लिस्ट-A में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय, डेब्यू रणजी में ठोक चुके हैं तिहरा...
स्पोर्ट्स 
जिस मां ने गहने बेचे, उसी बेटे ने बल्ले से बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड

31 दिसंबर के बाद कट सकते हैं 40 लाख नाम? e-KYC नहीं कराया तो अटक सकता है पैसा

महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिण योजना में e-KYC की डेडलाइन नजदीक, लाखों महिलाओं को 1 जनवरी से झटका लगने की...
देश विदेश 
31 दिसंबर के बाद कट सकते हैं 40 लाख नाम? e-KYC नहीं कराया तो अटक सकता है पैसा

बिजनेस

Copyright (c) Dainik Jagran All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software