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शनिवार के चमत्कारी उपाय: शनि दोष होगा शांत, कर्मों में आएगी स्थिरता
Dharm Desk

शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है। शनि ग्रह को न्याय का देवता कहा गया है, जो व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
यदि किसी कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो, या व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित हो, तो शनिवार को किए गए कुछ सरल उपाय अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
1. पीपल के वृक्ष की पूजा करें
शनिवार की सुबह स्नान कर पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और दीपक जलाएं। साथ ही “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
2. सरसों के तेल का दान करें
शनि की कृपा प्राप्त करने हेतु काले तिल और सरसों का तेल लोहे के पात्र में भरकर दान करें। इसे किसी जरूरतमंद या मंदिर में देना शुभ होता है।
3. झाड़ू का दान करें
शनि को कर्म का कारक माना जाता है। शनिवार को किसी गरीब महिला को झाड़ू दान करना भी शनि की शांति का उपाय माना जाता है।
4. नमक और तेल से स्नान करें
शनिवार को स्नान से पहले नहाने के पानी में काले तिल, थोड़ा सरसों का तेल और एक चुटकी काला नमक मिलाकर स्नान करने से नकारात्मकता दूर होती है और शनि की कृपा बनी रहती है।
5. काले कुत्ते या काले कौवे को रोटी खिलाएं
शनि देव काले रंग से जुड़े जीवों में विशेष रूप से विराजमान माने जाते हैं। शनिवार को काले कुत्ते को रोटी या काले कौवे को दाल-चावल खिलाना शुभ माना जाता है।
6. शनिदेव के मंदिर में दीपक जलाएं
शाम के समय शनि मंदिर में जाकर तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे शनि के प्रकोप में कमी आती है और जीवन में स्थिरता आती है।
7. शनिचरी अमावस्या या मासिक शनिवार को व्रत रखें
यदि आप गंभीर शनि दोष से पीड़ित हैं, तो शनिवार को व्रत रखें और पूरे दिन “शनि चालीसा” या “शनि स्तोत्र” का पाठ करें।
नोट: ये उपाय श्रद्धा और विश्वास से किए जाएं, तभी इनका पूर्ण फल प्राप्त होता है। शनि देव कर्म आधारित देवता हैं, इसलिए अच्छा आचरण और ईमानदारी से किया गया प्रयास ही उन्हें प्रसन्न करता है।