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बेड की दिशा और व्यवस्था बिगाड़ सकती है स्वास्थ्य व रिश्तों का संतुलन
धर्म डेस्क।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार बेडरूम की गलत पोजीशन से नींद, मानसिक शांति और पारिवारिक जीवन पर पड़ सकता है नकारात्मक असर
बेडरूम को घर का सबसे निजी और आरामदायक स्थान माना जाता है, लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार इसकी गलत दिशा और अव्यवस्थित व्यवस्था जीवन में कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकती है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि बेडरूम में बेड की गलत पोजीशन, अनुचित सजावट और भारी वस्तुओं की गलत जगह नींद की कमी, मानसिक तनाव और पारिवारिक असंतुलन को जन्म दे सकती है। हाल के दिनों में यह विषय पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी के रूप में चर्चा में है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए वास्तु नियमों की ओर ध्यान दे रहे हैं।
वास्तु के मुताबिक, बेडरूम में बेड का स्थान सबसे अहम होता है। बेड को कमरे के दरवाजे के ठीक सामने रखना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है और व्यक्ति को बेचैनी महसूस हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार बेड इस तरह रखा जाना चाहिए कि सिरहाना ठोस दीवार से लगा हो और सामने पर्याप्त खाली जगह रहे।
बेडरूम की दीवारों के पीछे मौजूद संरचना पर भी वास्तु में विशेष जोर दिया गया है। यदि बेड के पीछे की दीवार के उस पार किचन, गटर लाइन या भारी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हों, तो इसका प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। वास्तु जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में सिरदर्द, नींद न आना और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
शीशे को लेकर भी वास्तु में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बेड के सामने शीशा होना कई वास्तु विशेषज्ञ अनुचित मानते हैं। मान्यता है कि सोते समय शरीर का प्रतिबिंब दिखने से मानसिक अशांति बढ़ सकती है। उत्तर या पूर्व दिशा में शीशा लगाना अपेक्षाकृत बेहतर माना जाता है, बशर्ते उसमें बेड का प्रतिबिंब न पड़े।
आजकल स्टोरेज वाले बेड का चलन आम हो गया है, लेकिन वास्तु के अनुसार बेड के नीचे अव्यवस्थित या बेकार सामान रखना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है। टूटे-फूटे सामान, पुराने कागजात या अनुपयोगी वस्तुएं रखने से बचने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बेड के नीचे खुला और साफ स्थान बेहतर ऊर्जा प्रवाह में सहायक होता है।
बेडरूम के रंग और सजावट को भी वास्तु में अहम माना गया है। हल्के और शांत रंग जैसे क्रीम, हल्का हरा या पेस्टल शेड्स कमरे में सकारात्मक वातावरण बनाते हैं। बहुत गहरे या चटख रंग मानसिक बेचैनी बढ़ा सकते हैं। दीवारों पर ऐसी तस्वीरें लगाने की सलाह दी जाती है, जो मन को प्रसन्न करें और सकारात्मक भाव उत्पन्न करें।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, विवाहित दंपतियों के लिए बेडरूम की दिशा और व्यवस्था का सीधा संबंध दांपत्य जीवन से भी जोड़ा जाता है। दक्षिण या पश्चिम दिशा में स्थित बेडरूम को अधिक अनुकूल माना जाता है, जबकि पढ़ाई या कार्य से जुड़ा कोना उत्तर-पूर्व दिशा में बेहतर माना जाता है।
कुल मिलाकर, वास्तुशास्त्र बेडरूम को केवल आराम का स्थान नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक संतुलन का केंद्र मानता है। छोटे-छोटे सुधार, जैसे बेड की सही दिशा और साफ-सुथरी व्यवस्था, जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।
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