घर में आईने की गलत दिशा बढ़ा सकती है आर्थिक परेशानियां, जानिए वास्तु की चेतावनी

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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आईने की दिशा और आकार सीधे तौर पर आर्थिक स्थिति और मानसिक संतुलन से जुड़ा होता है। गलत जगह लगा शीशा नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

आज की ताज़ा ख़बरों में वास्तु शास्त्र से जुड़ा एक अहम विषय सामने आया है, जिसमें घर में आईने की स्थिति को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि घर में गलत दिशा में लगाया गया आईना केवल सौंदर्य को नहीं, बल्कि घर की ऊर्जा, आर्थिक स्थिरता और पारिवारिक शांति को भी प्रभावित करता है। यही कारण है कि “Vastu Tips for Mirror in Home” से जुड़ी जानकारी इन दिनों भारत समाचार अपडेट और हिन्दी न्यूज़ पोर्टल पर चर्चा में है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, आईना ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने का कार्य करता है। यदि यह सही दिशा में लगाया जाए तो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, लेकिन गलत दिशा में होने पर वही ऊर्जा नकारात्मक रूप ले सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, घर की दक्षिण, पश्चिम और दक्षिण-पूर्व दिशा में आईना लगाना अशुभ माना गया है। इन दिशाओं में लगा शीशा घर की स्थिरता को प्रभावित करता है, जिससे अनावश्यक खर्च, मानसिक तनाव और पारिवारिक विवाद बढ़ सकते हैं।

वास्तु जानकार बताते हैं कि दक्षिण और पश्चिम दिशा को शक्ति और नियंत्रण की दिशा माना जाता है। यहां आईना लगाने से ऊर्जा असंतुलित होती है, जिसका सीधा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। कई मामलों में आय के स्रोत प्रभावित होने और खर्च बढ़ने की बात भी सामने आती है। यदि किसी कारणवश इन दिशाओं में आईना पहले से लगा हो, तो विशेषज्ञ उसे हटाने या कपड़े से ढकने की सलाह देते हैं।

इसके विपरीत, उत्तर दिशा को वास्तु में धन और प्रगति की दिशा माना गया है। उत्तर दिशा में लगाया गया आयताकार या वर्गाकार आईना आर्थिक अवसरों को बढ़ाने वाला बताया जाता है। वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि इस दिशा में आईना रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और कार्यक्षेत्र में उन्नति के संकेत मिलते हैं।

आईने के आकार को लेकर भी वास्तु शास्त्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। गोल आकार के आईने को अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह मानसिक भ्रम और अस्थिरता पैदा कर सकता है। इसके स्थान पर आयताकार या वर्गाकार आईना घर में संतुलन और स्थायित्व लाने वाला माना गया है। इसके अलावा, टूटे या दरार वाले शीशे को घर में रखना भी वास्तु दोष का कारण बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि टूटे शीशे से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिससे आर्थिक रुकावट और मानसिक परेशानी बढ़ सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक जीवनशैली में लोग घर की सजावट पर अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन वास्तु नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही छोटी लापरवाहियां आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए घर या ऑफिस में आईना लगाते समय दिशा, आकार और स्थिति का ध्यान रखना आवश्यक है।

हालांकि, यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वास्तु शास्त्र आस्था और परंपरा पर आधारित विषय है। इसका प्रभाव व्यक्ति की मान्यताओं पर निर्भर करता है। फिर भी, संतुलित और सकारात्मक वातावरण के लिए इन नियमों को अपनाना लाभकारी माना जाता है।

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