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डबरा की चौंकाने वाली कहानी: पत्नी ने लेस्बियन प्रेमिका को साथ रखने पति को दिया अनोखा प्रस्ताव
Satyakatha

सामाजिक परंपराओं और रिश्तों की परिभाषाओं को चुनौती देती एक अनोखी घटना डबरा शहर से सामने आई है। यहां एक विवाहिता ने अपनी लेस्बियन प्रेमिका को साथ रखने के लिए अपने ही पति को ऐसा प्रस्ताव दिया, जिसने न केवल पुलिस को हैरान कर दिया बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया।
गुमशुदगी की सूचना और चौंकाने वाला खुलासा
1 अप्रैल की शाम डबरा सिटी थाने पहुंचे एक युवक ने अपनी पत्नी सोना (बदला हुआ नाम) और दो बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। सामान्यत: ऐसी गुमशुदगी घरेलू विवादों से जुड़ी होती है, लेकिन इस मामले ने अगली सुबह तब नया मोड़ ले लिया जब पड़ोस में रहने वाले एक अन्य परिवार ने भी अपनी 23 वर्षीय बेटी मोना (बदला हुआ नाम) के लापता होने की सूचना दी।
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों महिलाएं एक-दूसरे की करीबी सहेली थीं और अधिकतर समय साथ बिताती थीं। इससे पुलिस ने अनुमान लगाया कि संभवतः दोनों साथ में ही गई होंगी।
जयपुर से मिला सुराग
लगभग नौ दिन बाद मोना के मोबाइल की लोकेशन जयपुर में ट्रेस हुई। डबरा पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से उस कॉलोनी में जांच शुरू की जहां लोकेशन मिली थी। एक मकान मालिक ने बताया कि 2 अप्रैल से एक पति-पत्नी अपने दो बच्चों के साथ किराये पर रह रहे हैं। बच्चों को पहचानकर पुलिस को शक हुआ और जब तथाकथित पति घर लौटा तो सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई – वो "पति" कोई और नहीं बल्कि मोना थी, जो पुरुषों के कपड़े पहनकर सोना के साथ जयपुर में पति-पत्नी के रूप में रह रही थी।
‘तीन लोगों का समझौता’ – एक अजीब प्रस्ताव
थाने में जब दोनों को उनके परिवारों के हवाले करने की बात हुई तो उन्होंने साथ रहने की जिद पकड़ी। सोना ने अपने पति के सामने यह शर्त रखी कि वह घर लौटने को तभी तैयार है जब मोना को भी पत्नी की तरह घर में स्वीकार किया जाए। उसने कहा कि दिन में मोना उसका "पति" होगी और रात में वह अपने वैवाहिक दायित्व निभाएगी। यहां तक कि सोना ने यह भी कहा कि उसका पति यदि चाहे तो मोना से भी पत्नी की तरह व्यवहार कर सकता है।
पति ने इस अस्वाभाविक प्रस्ताव को ठुकरा दिया और मामले को लेकर थाने में देर रात तक हंगामा चलता रहा। अंततः परिवार वालों के समझाने पर सोना बच्चों के साथ घर लौटने को राजी हुई, लेकिन मोना यह सुनकर फूट-फूटकर रोने लगी और थाने की दीवार से सिर मारने लगी। उसे भी बाद में परिजनों को सौंप दिया गया।
कैसे पनपा यह रिश्ता?
मोना बचपन से ही सोना के घर में आती-जाती थी और जब सोना ब्याह कर उस घर में आई तो दोनों के बीच बहन जैसी दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे यह दोस्ती गहरी होती गई और मोना ने शादी से इंकार कर दिया। जब उसकी मां ने सोना से बेटी को समझाने की गुजारिश की, तब मोना ने साफ कहा – उसे शादी करनी है तो सिर्फ लड़की से करेगी।
एक दिन अकेले में मोना ने जबरदस्ती सोना को पति की तरह प्यार जताया, और उसी दिन से उनके रिश्ते ने नया मोड़ ले लिया। सोना को मोना का साथ इस कदर भाया कि वह खुद उससे मिलने के मौके तलाशने लगी। लेकिन जब घर में रहकर यह रिश्ता आगे बढ़ाना मुश्किल हुआ तो दोनों ने घर छोड़ने का फैसला किया।
मकान मालिक भी रह गया अनजान
जयपुर में किराये पर मकान लेने के बाद मोना और सोना ने पति-पत्नी बनकर जीवन शुरू कर दिया। बच्चों की उपस्थिति और मोना के भेष के चलते मकान मालिक को भी सच्चाई का पता नहीं चल सका।
यह घटना समाज में रिश्तों के बदलते रूपों और व्यक्ति की स्वतंत्र पसंद को लेकर नई बहस को जन्म देती है। जहां एक ओर यह प्रेम की आज़ादी की मिसाल है, वहीं पारंपरिक ढांचे में इसके समायोजन की जटिलता भी सामने लाती है।