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शिक्षा, साहित्य और कला के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले, सीएम विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंजूरी
Raipur, CG

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षा, साहित्य, कला और औद्योगिक विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
कैबिनेट ने राज्य में शासकीय विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और साहित्यकारों को राहत देते हुए उनकी मासिक सहायता राशि में भी बड़ा इजाफा किया गया है।
अब स्कूलों में चलेगा 'मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान'
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से "मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान" शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत:
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स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी।
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कमजोर स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के माध्यम से की जाएगी।
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चयनित मॉडल स्कूलों में भ्रमण कर शिक्षकों को प्रेरणा दी जाएगी।
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पालक-शिक्षक बैठकों को नियमित किया जाएगा, जिससे अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो।
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कक्षा शिक्षण प्रक्रिया में सुधार कर छात्रों की अकादमिक उपलब्धियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
कलाकारों को मिलेगी अब दोगुनी पेंशन
राज्य सरकार ने वर्ष 1986 से संचालित कलाकार सहायता योजना के अंतर्गत दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता को ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000 प्रति माह करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के 162 पंजीकृत कलाकारों को सीधा लाभ मिलेगा।
अब हर कलाकार को सालाना ₹24,000 के बजाय ₹60,000 की सहायता मिलेगी। इस फैसले से राज्य पर कुल ₹58.32 लाख का अतिरिक्त वार्षिक भार पड़ेगा।
औद्योगिक नीति में बड़े बदलाव, रोजगार और निवेश को मिलेगा नया आयाम
कैबिनेट ने राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई संशोधनों को मंजूरी दी है। इसके तहत:
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छत्तीसगढ़ के युवाओं को नौकरी देने वाली कंपनियों को विशेष अनुदान दिया जाएगा।
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हाइड्रोपोनिक व एयरोपोनिक खेती, ऑटोमेशन और IoT तकनीक को बढ़ावा मिलेगा।
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खेल अकादमी व निजी प्रशिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
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गुणवत्ता आधारित विश्वविद्यालयों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा।
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ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर को सभी विकासखंड समूहों में मान्यता मिलेगी।
पर्यटन, कपड़ा उद्योग और लॉजिस्टिक को मिलेगा प्रोत्साहन
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बस्तर और सरगुजा में होटल-रिसॉर्ट निर्माण की न्यूनतम निवेश सीमा घटाई गई है, जिससे पर्यटन क्षेत्र में तेज़ी आएगी।
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टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश पर 200% तक प्रोत्साहन मिलेगा।
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नई लॉजिस्टिक नीति से व्यापारियों को राज्यभर में बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी।
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दिव्यांगजनों की परिभाषा में संशोधन कर उन्हें अधिक योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
'Ease of Living' को मिलेगा बढ़ावा
राज्य में पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई कराने वाले निजी सीबीएसई स्कूलों (कम से कम 500 छात्रों की क्षमता वाले), तथा मिनी मॉल (मल्टीप्लेक्स युक्त) के लिए थ्रस्ट सेक्टर का दर्जा देने का प्रस्ताव पास हुआ है। इससे नगरीय क्षेत्रों और उसके आसपास के 10 किमी परिधि में नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा।