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हाईकोर्ट: मंत्री विजय शाह पर FIR के आदेश, डीजीपी को 4 घंटे की मोहलत
Bhopal, MP

मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी को 4 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो डीजीपी पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की पीठ ने कहा कि मंत्री विजय शाह का बयान न केवल सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है, बल्कि यह भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की कई धाराओं के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
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BNS की धारा 152: भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य।
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BNS की धारा 192: धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कर्नल सोफिया, जो एक सेना की अधिकारी और इस्लाम धर्म की अनुयायी हैं, को “आतंकवादियों की बहन” कहना न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह द्वेष और घृणा फैलाने का भी कार्य है।
विवादास्पद बयान का वीडियो हुआ वायरल
विजय शाह ने रविवार को इंदौर जिले के महू विधानसभा अंतर्गत रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया था। हालांकि, इसका वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
शाह ने अपने भाषण में कहा था:
“कपड़े उतारकर हमारे हिंदुओं को मारा गया, और मोदी जी ने उनकी बहन को उनके घर भेजा... तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी...”
यह बयान सेना की अधिकारी को निशाना बनाते हुए दिया गया था, जिससे न केवल महिला गरिमा को ठेस पहुँची, बल्कि धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को भी क्षति पहुंची।
कांग्रेस का हमला, BJP से बर्खास्तगी की मांग
हाईकोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस ने विजय शाह की गिरफ्तारी और भाजपा से निष्कासन की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि भाजपा को तुरंत विजय शाह को पार्टी से निकाल देना चाहिए क्योंकि इस तरह के नेता पार्टी और देश दोनों की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस मामले पर ग्रामीण डीआईजी निमेष अग्रवाल ने कहा कि अभी तक आदेश की कॉपी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। जैसे ही कोर्ट का आदेश मिलेगा, कानूनी प्रक्रिया के अनुसार FIR दर्ज की जाएगी।