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सीसीएस और राष्ट्रपति की बैठक: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक और सैन्य समीक्षा तेज
Jagran Desk

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव, पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व ने इस पूरे घटनाक्रम की व्यापक समीक्षा की है।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की अहम बैठक की अध्यक्षता की, वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी ली और वीर सैनिकों को सलाम किया।
पीएम मोदी की सीसीएस बैठक
बुधवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री निवास पर केंद्रीय मंत्रिमंडल और सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की विशेष बैठक हुई। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई और उसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर की स्थिति पर गहन चर्चा की गई।
बैठक के बाद करीब 45 मिनट तक प्रधानमंत्री की अगुवाई में एक विशेष रणनीतिक चर्चा हुई, जिसमें गृहमंत्री, रक्षामंत्री और एनएसए ने हिस्सा लिया। यह चर्चा ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा और आगे की रणनीति पर केंद्रित रही।
राष्ट्रपति ने जताया सैनिकों को सम्मान
दूसरी ओर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। इस दौरान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी गई। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और रणनीतिक दक्षता की सराहना करते हुए उन्हें देश की शान बताया।
राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया मंच 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति मुर्मू ने ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों की अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति को सलाम किया।”
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। इसी के जवाब में 6-7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।
इस ऑपरेशन में बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिंबर, चाक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद जैसे 9 आतंकी ठिकानों को सटीक हमलों से ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें लगभग 100 आतंकवादी मारे गए। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमला करने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने उसे पूरी तरह से विफल कर दिया।
पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन
12 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की एयर स्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर—ये भारत की आतंकवाद के प्रति स्पष्ट नीति का हिस्सा हैं। भारत अब चुप नहीं बैठेगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत तभी संभव है, जब वह आतंकवाद का समर्थन बंद करे और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को खाली करे। पीएम ने सिंधु जल संधि को भी तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”