अशोका गार्डन का जी.बी. पंत हायर सेकेंडरी स्कूल: जहाँ शिक्षा बन रही है विरासत, दूसरी पीढ़ी के बच्चे ले रहे हैं दाखिला

DEVENDRA PATEL

राजधानी Bhopal के अशोका गार्डन क्षेत्र में स्थित जी.बी. पंत हायर सेकेंडरी स्कूल न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां अब दूसरी पीढ़ी के बच्चे भी पढ़ रहे हैं। यानी जिन छात्रों ने कभी इसी स्कूल से शिक्षा ली थी, आज वे अपने बच्चों को भी इसी स्कूल में दाखिला दिलवा रहे हैं। यह न सिर्फ स्कूल की शिक्षण गुणवत्ता का प्रमाण है, बल्कि क्षेत्रवासियों के अटूट विश्वास का भी परिचायक है।

आज के दौर में जब शिक्षा एक महँगा सौदा बनती जा रही है और निजी स्कूलों में फीस के नाम पर अभिभावकों की जेबें खाली हो रही हैं, ऐसे समय में भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र का जी.बी. पंत हायर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्पद मिसाल पेश कर रहा है। यह स्कूल केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां अब दूसरी पीढ़ी के छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

जब पूर्व छात्र बनते हैं वर्तमान के अभिभावक

यह कोई सामान्य बात नहीं है कि जिस स्कूल से आपने खुद शिक्षा ली हो, आज आप उसी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए भरोसे से भेजें। जी.बी. पंत स्कूल के कई पूर्व छात्र आज अपने बच्चों को इसी स्कूल में दाखिला दिला चुके हैं। स्कूल की शिक्षा पद्धति, अनुशासन, नैतिक मूल्य और शिक्षकों का समर्पण ऐसा रहा है कि लोगों का विश्वास वर्षों बाद भी बना हुआ है।

समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका

जी.बी. पंत स्कूल सिर्फ शिक्षा ही नहीं देता, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाता है। स्कूल में हर साल अनेक गरीब और जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क या न्यूनतम शुल्क पर पढ़ाया जाता है। इसके अलावा, बच्चों को नैतिक शिक्षा, अनुशासन, योग, खेलकूद, और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं, जिससे उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

स्कूल में कार्यरत शिक्षक भी वर्षों से इसी संस्था से जुड़े हैं, जिनका उद्देश्य सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा भावना से शिक्षा देना है। यहां शिक्षक और छात्र के बीच आत्मीय संबंध होता है, जो उन्हें एक परिवार जैसा माहौल प्रदान करता है।

पूर्व छात्रों की सफलता, स्कूल की पहचान

जी.बी. पंत हायर सेकेंडरी स्कूल के अनेक पूर्व छात्र आज डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी अधिकारी और समाजसेवी के रूप में देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यरत हैं। जब वे स्कूल लौटकर अपने अनुभव साझा करते हैं या अपने बच्चों को इसी स्कूल में दाखिला दिलवाते हैं, तो यह किसी भी संस्था के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

ये हैं स्कूल की विरासत संभाल रही दूसरी पीढ़ी

स्कूल की लंबी सूची में वे नाम शामिल हैं, जिनके पीछे दो पीढ़ियों का जुड़ाव और आस्था है:

  • नितेश कौरव, जो खुद कभी जी.बी. पंत स्कूल के छात्र रहे, अब उनके बेटे विनय और विनीत भी यहीं कक्षा पाँचवी में पढ़ाई कर रहे हैं।

  • क्रांति लोधी, जो पहले इसी स्कूल की छात्रा थीं, उनका बेटा कार्तिक लोधी अब कक्षा 12वीं में शिक्षा ले रहा है।

  • रफीक कुरैशी और उनके छोटे भाई शफीक कुरैशीदोनों ने कभी इसी स्कूल में पढ़ाई की थी, और आज उनके तीन बच्चे भी अलग-अलग कक्षाओं में इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं

  • किरण सिंह, जो पहले स्कूल की छात्रा थीं, अब उनकी बेटी आकांक्षा सिंह 11वीं कक्षा की छात्रा है।

ऐसी ही कहानियों की एक लंबी सूची है, जो इस स्कूल को सिर्फ शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और भावनात्मक धरोहर बनाती है।

अभिभावकों का अनुभव, बच्चों का भविष्य

इन अभिभावकों का स्कूल के प्रति भरोसा यह दर्शाता है कि शिक्षा की नींव कितनी मजबूत है। सभी का एक ही मत है कि जी.बी. पंत स्कूल केवल बच्चों को विषयों की शिक्षा देता है, बल्कि उन्हें संस्कार, आत्मविश्वास और सामाजिक चेतना से भी सज्जित करता है।

गर्व का विषय: प्रिंसिपल महेश साहू

स्कूल के प्राचार्य महेश साहू का कहना है, यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हमारे स्कूल में दूसरी पीढ़ी के छात्र पढ़ रहे हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि हमने अभिभावकों के विश्वास को बरकरार रखा है। हमारा प्रयास है कि बच्चों को नैतिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा का बेहतर संतुलन प्रदान किया जाए।”

जरूरतमंद बच्चों को नहीं लौटाया जाता: डायरेक्टर बी.एस. परिहार

स्कूल के डायरेक्टर बी.एस. परिहार ने भी इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा आए। उन्होंने कहा, अगर किसी अभिभावक की आर्थिक स्थिति कमजोर है, तो हम उनकी फीस में रियायत या आवश्यकता अनुसार पूरी माफ़ी भी देते हैं। हमारा मकसद यह है कि कोई भी बच्चा सिर्फ पैसों की वजह से शिक्षा से वंचित हो।”

एक विद्यालय, जो शिक्षा से आगे की सोच रखता है

जी.बी. पंत हायर सेकेंडरी स्कूल आज सिर्फ एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि एक विश्वास का नाम बन चुका है। एक ऐसा स्कूल जहाँ शिक्षा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक विरासत बन चुकी है। जहाँ जाति का भेद है, आर्थिक स्थिति का; जहाँ हर बच्चा समान है, और हर बच्चे को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। यह स्कूल सिर्फ अशोका गार्डन ही नहीं, पूरे भोपाल के लिए एक प्रेरणा है कि अगर नीयत साफ हो और उद्देश्य शिक्षा देना हो, तो सीमित संसाधनों में भी उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।

 

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