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विवादों से उभरी विजेता: इंटरनेशनल बॉक्सर स्वीटी बूरा ने गोल्ड मेडल जीतकर रिंग में दी दमदार वापसी
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हरियाणा की इंटरनेशनल बॉक्सर स्वीटी बूरा ने हैदराबाद में आयोजित एलीट वुमन इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर एक बार फिर साबित कर दिया कि हौसले अगर बुलंद हों, तो कोई भी तूफान राह नहीं रोक सकता। यह मुकाबला उनके लिए सिर्फ एक स्पोर्ट्स इवेंट नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और हिम्मत की लड़ाई थी।
स्वीटी ने यह मुकाबला तब जीता जब वह निजी जिंदगी में गंभीर विवादों से जूझ रही थीं। पति और भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा के साथ उनके रिश्ते में काफी समय से तनाव है। मामला पुलिस थाने और अदालत तक पहुंच चुका है, लेकिन स्वीटी ने रिंग में लौटकर अपने आलोचकों को जवाब मुक्कों से दिया।
इमोशनल पोस्ट में लिखा— यह मेडल हर उस लड़की के नाम जो घरेलू हिंसा के खिलाफ खड़ी हुई
गोल्ड मेडल जीतने के बाद स्वीटी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा,
“यह मेडल उन सभी बेटियों के नाम है, जो चुप नहीं रहीं, जिन्होंने डर को हराया, और जो अपने लिए आवाज उठाने का साहस रखती हैं।”
उनकी यह बात लाखों लड़कियों और महिलाओं को आत्मबल देने वाली बन गई है। यह सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत नहीं, एक महिला की सामाजिक जीत भी है।
फाइनल में रेलवे की अलफिया पठान को दी 5-0 से शिकस्त
27 जून से 1 जुलाई तक हैदराबाद में आयोजित इस चैंपियनशिप में स्वीटी ने 75-80 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया। उन्होंने फाइनल में रेलवे की अलफिया पठान को 5-0 से हराया, जबकि सेमीफाइनल में ऑल इंडिया पुलिस टीम की बबीता को भी इसी स्कोर से मात दी।
अब वर्ल्ड, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स ट्रायल की तैयारी
गोल्ड जीतने के बाद अब स्वीटी की नजरें आने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल पर टिकी हैं। वे फिलहाल रोहतक स्थित नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी में कोच शिलवा और दलबीर के साथ तैयारी कर रही हैं।
शादी, विवाद और राजनीतिक पृष्ठभूमि
स्वीटी और दीपक हुड्डा की शादी 2021 में हुई थी। दोनों भाजपा से भी जुड़े हुए हैं। दीपक हुड्डा ने महम विधानसभा सीट से पिछला चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। स्वीटी बरवाला सीट से टिकट मांग रही थीं, लेकिन पार्टी ने इंकार कर दिया।
इन सबके बीच दोनों के रिश्ते में तनाव बढ़ा और मामला महिला थाने और कोर्ट तक पहुंच गया। तलाक की प्रक्रिया भी चल रही है। ऐसे में स्वीटी का गोल्ड जीतना एक निजी संघर्ष की जीत के रूप में देखा जा रहा है।