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बीएड शिक्षकों को छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा तोहफा: सेवा समाप्त शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति, विज्ञान प्रयोगशाला में होंगे सहायक शिक्षक
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छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य भर के 2621 बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है, जिनकी सेवाएं 2023 की सीधी भर्ती के बाद समाप्त कर दी गई थीं। अब राज्य सरकार इन शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के रूप में समायोजित करने जा रही है। यह महत्वपूर्ण फैसला हाल ही में आयोजित राज्य कैबिनेट बैठक में लिया गया।
शिक्षकों के भविष्य को मिली नई दिशा
सरकार के इस फैसले से न केवल हजारों बेरोजगार शिक्षकों को राहत मिली है, बल्कि राज्य के शैक्षणिक तंत्र को भी मजबूती मिलने जा रही है। लंबे समय से अपनी बहाली की मांग कर रहे बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों में इस निर्णय के बाद खुशी की लहर दौड़ गई है। विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम प्रभावी साबित हो सकता है।
विवाद की जड़: बीएड बनाम डीएड पात्रता
यह मामला 2023 की सीधी भर्ती से जुड़ा है, जब बीएड और डीएड दोनों योग्यताओं को मान्यता देकर आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लेकिन बाद में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के चलते बीएड शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए सेवाएं समाप्त कर दी गईं। इसके विरोध में शिक्षकों ने राजधानी रायपुर में नवा रायपुर के तूता स्थल पर लंबा आंदोलन किया।
आंदोलन का क्रम और संघर्ष की कहानी
बर्खास्तगी के बाद बीएड शिक्षक 14 दिसंबर से पैदल यात्रा, सामूहिक मुंडन, रक्तदान, यज्ञ, जलसत्याग्रह, दंडवत यात्रा और भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रतीक रूपों में प्रदर्शन करते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज जैसे नेताओं ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया।
सरकार की सहानुभूति और अंतिम समाधान
लगातार आंदोलनों और जनदबाव के बाद सरकार ने उच्च स्तरीय प्रशासनिक समिति का गठन किया, जिसने सुझाव दिया कि इन शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित किया जाए। इस सुझाव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।