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छत्तीसगढ़ में CGMSC घोटाला पार्ट-2 की आशंका! स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग लाखों की दवाएं डंप, कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश
Gariyaband

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन (CGMSC) द्वारा बगैर किसी मांग के जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लाखों की दवाएं सप्लाई कर दिए जाने का मामला सामने आया है। जनपद सदस्य माखन कश्यप द्वारा उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने के दौरान यह बड़ा खुलासा हुआ। इस मामले में जिला कलेक्टर ने तत्काल जांच समिति गठित कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जनपद सदस्य कश्यप ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के साथ केंद्र का दौरा किया, जहां आयुर्वेदिक अस्पताल के बरामदे में 50 से अधिक सीलबंद और 20 से ज्यादा खुले कार्टनों में दवाओं का अंबार पाया गया। इनमें आई फ्लू, पीलिया सहित विभिन्न बीमारियों की दवाएं, सिरप, कैनुला और दस्ताने शामिल थे। कश्यप ने इसका वीडियो बनाकर जिम्मेदार अधिकारियों को भेजा और सोशल मीडिया पर साझा किया।
प्रभारी ने दी सफाई, लेकिन स्वीकार की गड़बड़ी
उरमाल स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी सनत कुंभकार ने कहा कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) के मूल्यांकन के चलते अस्पताल में विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इसी के चलते आयुर्वेदिक अस्पताल में अस्थायी रूप से दवाओं को संग्रहित किया गया है, जिसके लिए संस्थान की लिखित अनुमति ली गई थी। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बारिश के चलते कुछ दवाएं खराब हो गई हैं।
कश्यप ने लगाया करोड़ों के घोटाले का आरोप
जनपद सदस्य माखन कश्यप ने दावा किया है कि सिर्फ उरमाल ही नहीं, बल्कि जिले के अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इसी तरह बगैर मांग के करोड़ों रुपए की दवाएं भेजी गई हैं। उन्होंने इसे CGMSC के पूर्व के 550 करोड़ के चर्चित घोटाले की तर्ज पर 'पार्ट-2' घोटाले की संज्ञा दी है। कश्यप ने कहा कि इतनी मात्रा में दवाएं भेजी गई हैं कि वे सालभर बाद भी खत्म नहीं होंगी। उन्होंने संदेह जताया कि इस पूरे मामले में ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है।
जांच के बाद खुलेंगे और राज?
फिलहाल कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम बना दी है, जो एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह राज्य स्तर पर एक और बड़ा चिकित्सा घोटाला बन सकता है। इससे न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग उजागर होता है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य के साथ भी गंभीर खिलवाड़ की आशंका जाहिर होती है।