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रायगढ़ में मरीन ड्राइव निर्माण को लेकर बवाल: महिलाओं और पुलिस में झड़प, कयाघाट बना छावनी, 100 घरों पर चला बुलडोजर
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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में केलो नदी किनारे बन रहे मरीन ड्राइव प्रोजेक्ट ने विवाद का रूप ले लिया है। शनिवार सुबह प्रशासन ने कयाघाट क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की, जिसके विरोध में स्थानीय महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच तीखी झड़प हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से 100 से अधिक परिवारों पर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है।
बुलडोजर की आहट से मचा हड़कंप
नगर निगम की टीम शनिवार सुबह करीब 8:30 बजे भारी पुलिस बल के साथ कयाघाट पहुंची। पहले चरण में 20 घरों को तोड़ा गया है और आने वाले दिनों में करीब 100 घरों को हटाने की योजना बताई जा रही है। जैसे ही बुलडोजर चला, महिलाएं विरोध में सामने आ गईं और पुलिस का रास्ता रोक लिया। इस दौरान पुलिस और महिला प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार झड़प हुई, जिससे इलाके का माहौल गरमा गया।
रात में कलेक्टर बंगले का घेराव, सुबह चला बुलडोजर
प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार रात सैकड़ों लोगों ने कलेक्टर बंगले का घेराव किया था। लोगों ने मांग की थी कि उनके पुनर्वास की व्यवस्था के बिना कोई घर न तोड़ा जाए। बावजूद इसके, प्रशासन ने अगले ही सुबह तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी। अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन सरकारी है और पहले से नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ कयाघाट
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए कयाघाट क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। हर चौराहे और गली में पुलिस बल की तैनाती है। महिला पुलिसकर्मियों को भी बड़ी संख्या में मौके पर भेजा गया है ताकि महिलाओं के विरोध को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, स्थानीय लोग प्रशासन पर मनमानी और जबरन बेदखली का आरोप लगा रहे हैं।
प्रशासन VS जनता: टकराव की स्थिति
नगर निगम का कहना है कि मरीन ड्राइव प्रोजेक्ट शहर की सुंदरता और यातायात सुधार की दृष्टि से जरूरी है, और अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है। दूसरी ओर, स्थानीय लोग कहते हैं कि वर्षों से बसे परिवारों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा जा रहा है, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन है।