- Hindi News
- राज्य
- छत्तीसगढ़
- सुशासन तिहार में सीएम विष्णुदेव साय का सख्त रुख, कलेक्टर को फटकार, DEO व EE सस्पेंड
सुशासन तिहार में सीएम विष्णुदेव साय का सख्त रुख, कलेक्टर को फटकार, DEO व EE सस्पेंड
Raipur, CG
.jpg)
छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। सोमवार को वे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के चुकतीपानी गांव पहुंचे, जहां जनचौपाल के जरिए उन्होंने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और योजनाओं की जमीनी हकीकत जानी।
जनचौपाल में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बन रही सड़क की घटिया गुणवत्ता की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने GPM कलेक्टर लीना मंडावी को सख्त लहजे में फटकार लगाई और उन्हें निर्देश दिए कि वे स्वयं मौके पर जाकर सड़क का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सरकार में अब जांच कमेटियों की आड़ नहीं चलेगी, अफसरों को खुद मैदान में उतरकर काम देखना होगा।
लापरवाही पर दो बड़े अफसर निलंबित
मुख्यमंत्री साय ने चुकतीपानी में आयोजित समीक्षा बैठक में कार्य में लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए। इनमें मुंगेली जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आरके मिश्रा और GPM जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) जगदीश कुमार शास्त्री शामिल हैं।
सीएम ने कहा कि मनियारी और पथरिया जलाशय जैसी वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि संबंधित अधिकारी गंभीर लापरवाही कर रहे हैं। इसी तरह बोर्ड परीक्षा में जिले का बेहद कमजोर प्रदर्शन शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
'काम करो या निलंबन झेलो' - CM का सख्त संदेश
चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने जब जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल समस्या की शिकायत की, तो मुख्यमंत्री ने पीएचई विभाग के सब इंजीनियर को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “ईमानदारी से काम करो या फिर निलंबन झेलने के लिए तैयार रहो। ये सरकार का काम है, कोई मजाक नहीं... गेट आउट।”
मुख्यमंत्री के इस तीखे तेवर से यह संदेश स्पष्ट हो गया कि अब प्रदेश में सरकारी योजनाओं में लापरवाही और गैर-जवाबदेही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुशासन तिहार के माध्यम से सीएम साय खुद ग्राउंड पर पहुंचकर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं और किसी भी स्तर पर ढिलाई को सख्ती से काबू में लेने का संकेत दे चुके हैं।