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छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण को लेकर बड़ा कदम : 20 मई से शुरू होगा 'भू-जल संवर्धन मिशन'
Raipur, CG
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छत्तीसगढ़ में जल संकट से निपटने और सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य सरकार एक नई पहल करने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आगामी 20 मई को 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन' का शुभारंभ करेंगे। यह मिशन शहरी क्षेत्रों में भू-जल और वर्षा जल के संरक्षण के लिए प्रभावी योजनाओं के क्रियान्वयन पर केंद्रित होगा।
कार्यक्रम का आयोजन राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में किया जाएगा, जिसमें दो सत्र आयोजित होंगे। पहले सत्र की शुरुआत दोपहर 3 बजे उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के संबोधन से होगी। इस सत्र में देशभर से आमंत्रित जल विशेषज्ञ, हाइड्रोलॉजिस्ट, उद्योग प्रतिनिधि, कॉलोनाइज़र और विभागीय अधिकारी जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
मुख्यमंत्री करेंगे मिशन का शुभारंभ, अनुकंपा नियुक्ति भी सौंपेंगे
शाम 6 बजे के द्वितीय सत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मिशन का विधिवत शुभारंभ करेंगे। वे इस दौरान भू-जल संवर्धन मिशन पर आधारित ब्रोशर का विमोचन और एक जागरूकता वीडियो का लॉन्च भी करेंगे। साथ ही नगरीय निकायों में सेवाकाल के दौरान दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी वितरित किए जाएंगे।
देश-विदेश की योजनाओं से मिलेगा मार्गदर्शन
कार्यक्रम में गुजरात की सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की टीम और जल संरक्षण के लिए प्रसिद्ध ‘वॉटरमैन ऑफ इंडिया’ राजेन्द्र सिंह विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में शामिल होंगे। वे छत्तीसगढ़ में भू-जल संरक्षण की रणनीति को दिशा देने के लिए अपने अनुभव साझा करेंगे।
विभागों का होगा संयुक्त प्रयास
इस मिशन में वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जल संसाधन विभाग सहित कई सरकारी विभाग मिलकर काम करेंगे। साथ ही क्रेडाई के कॉलोनाइज़र और चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी अपनी कॉलोनियों और औद्योगिक क्षेत्रों में किए जा रहे जल संचयन प्रयासों की प्रस्तुति देंगे।
जनभागीदारी से बनेगा स्थायी मॉडल
नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने बताया कि यह मिशन केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें समाजसेवी संगठनों, स्वयंसेवकों और आम जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। विभाग ने सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और विशेषज्ञों से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।