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देवी अहिल्याबाई की त्रिशताब्दी पर इंदौर में भव्य नाट्य मंचन, सीएम बोले – "वो आदर्श बहू ही नहीं, एक महान शासक भी थीं"
Indore, MP

देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर इंदौर स्थित लता मंगेशकर ऑडिटोरियम में एक भव्य नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने नाटक के माध्यम से देवी अहिल्या के जीवन, शासकीय दृष्टिकोण और सेवा भावना को उजागर करने के प्रयास की सराहना की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “माँ अहिल्या की पावन नगरी में आकर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। देवी अहिल्याबाई होल्कर न केवल मालवा की जननेत्री थीं, बल्कि उन्होंने अपने सुशासन, न्यायप्रियता और सांस्कृतिक संरक्षण के जरिए पूरे देश को प्रेरणा दी है।”
नैतिकता और जनकल्याण का प्रतीक बना उनका शासन
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में देवी अहिल्याबाई की शासन शैली की विशेष चर्चा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में प्रशासनिक दक्षता और जनसेवा का अनूठा संतुलन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या ने न केवल धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि सामाजिक सरोकारों और जनहित के कार्यों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
बहू से महारानी तक का प्रेरणादायी सफर
डॉ. मोहन यादव ने देवी अहिल्या के जीवन के व्यक्तिगत और प्रशासनिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “देवी अहिल्या आदर्श बहू थीं, जिन्होंने अपने पति की असामयिक मृत्यु के बाद न केवल परिवार को संभाला, बल्कि सास गौतमीबाई के मार्गदर्शन में राज्य की बागडोर भी सफलतापूर्वक संभाली। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और सुशासन की एक अद्वितीय मिसाल पेश की।”
भारतीय संस्कृति की संवाहिका
मुख्यमंत्री ने बताया कि अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ, सोमनाथ और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कर यह दर्शाया कि भारतीय संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी और व्यापक हैं। उनके शासनकाल को धर्म, सेवा और समाज कल्याण के त्रिवेणी संगम के रूप में देखा जाता है।
नाटक के माध्यम से जीवंत हुईं अहिल्याबाई
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा – देवी अहिल्या के जीवन पर आधारित नाट्य मंचन, जिसमें उनके संघर्ष, दूरदर्शिता और नारी शक्ति के विभिन्न पक्षों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। दर्शकों ने इस प्रस्तुति को standing ovation के साथ सराहा और इसे ऐतिहासिक क्षण बताया।