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जयपुर की फाइव-स्टार होटल में ईडी का छापा: महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े संदिग्ध शादी में पहुंचे थे, छत्तीसगढ़ से आई टीम ने की कार्रवाई
Raipur, CG
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काले धन और अवैध सट्टेबाजी के नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को जयपुर के कूकस स्थित फाइव-स्टार होटल फेयर माउंट में छापा मारा।
यह कार्रवाई महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की गई। जानकारी के अनुसार, होटल में ठहरे कुछ संदिग्ध व्यक्ति एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे, जिन पर ईडी की पहले से निगरानी थी।
सूत्रों के अनुसार, यह रेड छत्तीसगढ़ के रायपुर से आई ईडी टीम ने की। धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई इस कार्रवाई में होटल के दो से तीन कमरों में ठहरे लोगों से पूछताछ की गई और डिजिटल सबूत एकत्र किए गए।
पहले भी जयपुर में हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले 16 अप्रैल 2025 को ईडी ने जयपुर के सोडाला स्थित एपल रेजिडेंसी में रहने वाले एक ड्राई फ्रूट व्यापारी भरत दाधीच के फ्लैट पर छापा मारा था। यह छापेमारी महादेव सट्टेबाजी रैकेट से जुड़े 60 स्थानों पर एक साथ की गई थी, जो कि छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, कोलकाता और राजस्थान तक फैले नेटवर्क का हिस्सा थे।
महादेव बुक ऐप: भारत का सबसे बड़ा सट्टेबाजी नेटवर्क
महादेव बुक ऑनलाइन भारत का सबसे बड़ा अवैध सट्टा प्लेटफॉर्म बन चुका है, जो क्रिकेट, फुटबॉल, रियलिटी शो, और यहां तक कि चुनावों पर भी बिना लाइसेंस के करोड़ों का सट्टा चलाता है। ईडी ने इस नेटवर्क से जुड़ी सैकड़ों करोड़ की संपत्ति पहले ही जब्त की है और कई प्रभावशाली लोगों की जांच चल रही है।
कहां से शुरू हुआ था महादेव का खेल?
महादेव ऐप के पीछे का मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर है, जो छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। 2019 में एक जूस दुकान चलाने वाला सौरभ और उसका दोस्त रवि उप्पल दुबई जाकर इस अवैध नेटवर्क को विकसित करने लगे। इन्होंने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की मदद से इसका प्रचार किया और दूसरे छोटे बेटिंग प्लेटफॉर्म्स को खरीदकर अपना नेटवर्क फैलाया।
99 लाख से ज्यादा यूजर, हजारों करोड़ का लेन-देन
महादेव बुक के वर्तमान में 99 लाख से अधिक यूजर्स हैं। कोरोना काल में IPL के दौरान अकेले 2000 करोड़ रुपये से अधिक की सट्टेबाजी की गई थी। कंपनी ने लोगों को ऐप से जोड़ने के लिए उन्हें पैसे देकर गेमिंग की लत लगाने की रणनीति अपनाई।
ईडी को मिले पुख्ता सबूत, कई बड़े व्यापारी रडार पर
ईडी को जयपुर और अन्य शहरों से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो लेन-देन और शेल कंपनियों के जरिए सट्टे के पैसे की हेराफेरी के सबूत मिले हैं। कई बड़े व्यापारी और प्रभावशाली लोग ईडी की रडार पर हैं, जिनके खातों और डिजिटल लेन-देन की जांच जारी है।