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24 घंटे में हाथियों का कहर: सरगुजा में 4 ग्रामीणों की दर्दनाक मौत, वन विभाग की लापरवाही से गांवों में दहशत
Surguja, CG
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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में जंगली हाथियों का आतंक एक बार फिर जानलेवा बन गया है। बीते 24 घंटों में हाथियों के तीन अलग-अलग हमलों में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
घटनाएं लुण्ड्रा और सीतापुर वन परिक्षेत्र की हैं, जहां जंगलों से भटके दंतैल हाथियों ने ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला।
पहली घटना: बाप-बेटी को रौंदा
30 जुलाई की शाम लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के ग्राम बेवरा (ग्राम पंचायत चिरगा) में राम कोरवा (60 वर्ष) और उनकी बेटी प्यारी कोरवा (35 वर्ष) खेत में रोपा लगाकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में अचानक एक जंगली हाथी से आमना-सामना हो गया। उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने दोनों को पटक-पटक कर मार डाला।
दूसरी घटना: महिला की मौत
इसी दिन सुबह 4 बजे ग्राम बकिला में सनमेत बाई नामक महिला अपने पति के साथ घर में थी। अचानक एक हाथी घर में घुस आया। पति-पत्नी जान बचाने के लिए अलग-अलग दिशा में भागे, लेकिन हाथी ने महिला को पकड़कर रौंद डाला। पति ने किसी तरह भागकर जान बचाई।
तीसरी घटना: बुजुर्ग पर हमला
गुरुवार सुबह सीतापुर वन परिक्षेत्र के ग्राम देवगढ़ में ग्रामीण मोहर साय सैराम (55 वर्ष) खेत गया था। वहां उसका सामना दो हाथियों से हो गया। उनमें से एक हाथी ने उसे कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।
वन विभाग की लापरवाही उजागर
घटनाओं के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि हाथियों की गतिविधियों की जानकारी पहले से होते हुए भी विभाग ने कोई चेतावनी नहीं दी। लुण्ड्रा क्षेत्र में जिस हाथी ने बाप-बेटी और महिला को मारा, वह बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र से भटककर आया था।
मौत के बाद जागा प्रशासन
चार लोगों की मौत के बाद वन विभाग ने आसपास के आधा दर्जन गांवों में अलर्ट जारी किया है। यह कदम तब उठाया गया, जब जानें जा चुकी थीं। इससे पहले ललितपुर गांव तक हाथियों की मौजूदगी की जानकारी होने के बावजूद उन्हें ट्रैक करने या रोकने के पुख्ता उपाय नहीं किए गए।