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एक बोरी खाद के लिए लाठीचार्ज! मां-बेटे को पुलिस ने पीटा, मंत्री बोले- “किल्लत नहीं है”

यूपी के लखीमपुर में खाद के लिए लाइन में लगे एक किसान और उसकी मां को पुलिस ने सरेआम पीटा। पीड़ित परिवार का कसूर सिर्फ इतना था कि वे लगातार तीन दिनों से खाद के लिए भटकते हुए प्रदर्शन कर रहे थे।
यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सामने आने के बाद सरकार की किरकिरी शुरू हो गई है।
घटना फरधान थाना क्षेत्र के भदूरा सहकारी समिति की है, जहां बुधवार को मशीन खराब होने का बहाना बनाकर खाद वितरण अचानक बंद कर दिया गया। गुस्साए किसानों ने जब हाईवे जाम किया तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। पुलिस ने किसान राजकिशोर पर सरेराह लाठियां बरसाईं और जब उसकी मां बीच-बचाव करने पहुंची तो उसे भी नहीं बख्शा।
पीड़ित किसान बोले—"तीन दिन से लाइन में हूं, लाठियां तो मिल गईं लेकिन खाद नहीं"
किसान राजकिशोर ने कहा कि वह अपनी मां और पत्नी के साथ तीन दिन से खाद के लिए आ रहा है, लेकिन हर बार खाली हाथ लौटना पड़ा। जब बुधवार को विरोध जताया तो पुलिसवालों ने पीटा और फिर जीप में बैठाकर ले गए। मां और पत्नी को भी धक्का देकर हटाया गया।
मंत्री का दावा, ज़मीनी सच्चाई कुछ और
घटना से महज कुछ घंटे पहले प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि “खाद की कोई कमी नहीं है” और “पूरा स्टॉक मौजूद है”। लेकिन उसी दिन किसानों को धक्के और लाठियां ही मिलीं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव का तीखा हमला
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया और लिखा—“खाद मांगने पर अपमान... भाजपा को शर्म नहीं आती? शर्मनाक और निंदनीय।”
मौके-मौके पर हंगामा, चप्पल चलीं, ताले लगे
ऐसे ही हालात मैगलगंज और शंकरपुर में भी देखने को मिले, जहां महिलाओं में खाद को लेकर धक्का-मुक्की और मारपीट तक हो गई। कई स्थानों पर समिति कर्मचारियों ने ताले लगाकर भागना बेहतर समझा।
किसानों की मांग—CCTV लगाओ, भ्रष्ट सचिवों को हटाओ
गुरुवार को भी कई केंद्रों पर लंबी लाइनें देखी गईं। किसान खुलेआम कह रहे हैं कि स्टॉक तो है, लेकिन भ्रष्टाचार और सिफारिश के कारण उन्हें खाद नहीं मिल रही। उन्होंने समिति सचिवों पर कार्रवाई और वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है।